हाल निर्मली जल विद्युत परियोजना का
लोगों ने सांसद से की निर्माण में तेजी जाने की मांग
फुलपरास : लौकही प्रखंड के धनछीहा गांव शाम ढलते ही अंधेरे में डूब जाता है. आज भी लोग लालटेन व ढिबरी युग में जी रहे हैं. विगत चार साल पूर्व इस गांव के लोगों ने भी बिजली के बल्ब जलाने की उम्मीद उस वक्त बंधी थी.
जब धनछीहा गांव के तिलयुगा नदी पर चाल साल पूर्व निर्मली जल विद्युत परियोजना शुरू की गयी थी, लेकिन समय के साथ-साथ उम्मीद टूटती गयी. अब तो लोगों ने इसके पूरा होने की उम्मीद ही छोड़ दी है. गांव के गुणानंद मिर्धा, देव कृष्ण मंडल बताते है कि शायद इस गांव के लोगों को बिजली के दर्शन नहीं होंगे.
निर्मली जल विद्युत परियोजना अधर में लटक गयी है. स्थिति का आकलन इसी बात से किया जा सकता है कि इस योजना को वर्ष 2015 में पूरा होना है, लेकिन चार साल में केवल नींव का निर्माण ही किया जा सका है.
2010 में इस परियोजना की स्वीकृति तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी थी. इसके तहत अक्तूबर 2011 में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने योजना का शिलान्यास किया था. इन चार साल में केवल नींव ही बन सका है.
25 एकड़ जमीन खराब
बिजली मिलने की उम्मीद में लोगों ने 25 एकड़ जमीन दिया. इस जमीन पर हर साल धान व गेहूं की उपज होती थी. अब हाल यह है कि न ही लोगों को बिजली मिल न ही खेत बच पायी. 25 एकड़ जमीन पूरी तरह खराब हो गया है. इससे किसानों में मायूसी छायी हुई है. जानकारी के अनुसार, जल विद्युत परियोजना के लिए 65 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की गयी थी. इसमें 42 करोड़ सिविल कार्य में एवं 23 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक कार्य के लिए खर्च किये जायेंगे. निर्माण कार्य हैदराबाद की कंपनी कोर मंडल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को सौंप गया, पर 2012 तक किये गये कार्य का भुगतान कंपनी को नहीं होने के कारण कार्य बंद कर दिया गया.
सांसद से निर्माण की मांग
क्षेत्र के लोगों ने सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी से निर्माण पूरा करने के लिए पहल करने की मांग की है. लोगों ने कहा कि यदि यह कार्य विधानसभा चुनाव 15 से पहले शुरू नहीं किया गया तो वर्तमान सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
एसडीओ विजय कुमार ने बताया हैं कि इस दिशा में आवश्यक पहल की जायेगी.