मधुबनी : जिले के मधुबनी एवं झंझारपुर विद्युत कार्य प्रमंडल में ढाई सौ से अधिक स्थानों पर बांस एवं बल्ले के सहारे विद्युत आपूर्ति की जा रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, इसे हटाने को लगभग तीन हजार पोल की जरूरत होगी.
नियम की अनदेखी
विद्युत विभाग विद्युतीकरण में नियम की अनदेखी कर रहा है. पोल एवं मानक सुविधा के साथ ही उपभोक्ताओं को विद्युत की आपूर्ति विभाग की ओर से किये जाने का प्रावधान है, लेकिन सारे नियम को ताक पर रख कर कर्मी व अधिकारी विद्युतीकरण में मनमानी कर रहे हैं. चर्चा है कि जहां से मोटी राशि मिलती है वहां विद्युतीकरण के मामले में सारे नियमों की धज्जियां उड़ायी जाती है.
जा रही जान
खंभे पर लटकता तार लोगों की लगातार जान ले रहा है. 17 अगस्त 2014 को शहर से सटे मधुबनी पंडौल मुख्य पथ में कैटोला चौक पर सरोवर मंडल के दुकान के निकट जजर्र लकड़ी के पोल गिर जाने से 55 वर्षीय रामानंद झा की मौत हो गयी. बावजूद गांव में आज भी लकड़ी के ही खंभे लगे हैं. हरलाखी में 28 अगस्त को बारिश होने पर लकड़ी खंभे गिरने से रामा धार राय, सहदेव साह घायल हो गये और दो मवेशी की मौत हो गयी. केवल अगस्त माह में दोनों कार्य प्रमंडल क्षेत्र में ऐसे खंभे के कारण आठ हादसे हुए. 27 अगस्त को विद्यापति कॉलोनी में मवेशी की मौत हो गयी. पशुपालक ने उपभोक्ताओं से 35 हजार का हर्जाना लिया.