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शिक्षण संस्थान के निकट तंबाकू बेचने पर होगी कार्रवाई

मधुबनी : जिला को तंबाकू मुक्त करने की कवायद जिला प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है. इसके लिए सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों पर दंडात्मक कारवाई करने का निर्देश जिला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अपर समाहर्ता डीएन झा ने उपस्थित पदाधिकारियों को दिया. उन्होंने तंबाकू […]

मधुबनी : जिला को तंबाकू मुक्त करने की कवायद जिला प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है. इसके लिए सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों पर दंडात्मक कारवाई करने का निर्देश जिला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अपर समाहर्ता डीएन झा ने उपस्थित पदाधिकारियों को दिया. उन्होंने तंबाकू के खिलाफ सघन अभियान चलाने का भी निर्देश दिया.
बिना चित्रात्मक चेतावनी वाले तंबाकू उत्पाद के निर्माता, थोक एवं खुदरा विक्रेता के उपर पदाधिकारियों से पैनी नजर बनाये रखने एवं पकड़े जाने पर कोटपा 2003 के कानून के तहत सख्त कारवाई करने का निर्देश दिया है.
शैक्षणिक संस्थानों के सौ गज के दायरे में तंबाकू बेचने वालों को चिह्नित कर उन पर कारवाई करने का निर्देश दिया. बच्चों और अव्यस्कों को तंबाकू उत्पाद बेचने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना और सात साल तक की सजा हो सकती है.
सीड्स द्वारा दिया गया प्रशिक्षण
समाहरणालय के सभा कक्ष में गुरुवार को सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोसियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी एवं जिला तंबाकू नियंत्रण कोषांग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जिला स्तरीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला में सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा द्वारा तंबाकू नियंत्रण की आवश्यकता पर बल दिया और अन्य जिलों में किये गये गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई.
उन्होंने कहा कि तंबाकू उद्योग का सबसे साफ्ट टारगेट बच्चे व युवा होता है. जिसके लिए पदाधिकारियों को इस पर पैनी नजर रखना होगा. उन्होंने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में सभी विभागों को अपनी भूमिका निभाने का सुझाव दिया. श्री मिश्रा ने जिला पदाधिकारी से सभी पोलिंग बूथ को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करने का सुझाव दिया.
सुझाव पर अमल करते हुए जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को इस पर पहल करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत सरकार द्वारा प्रकाशित गेट्स 2 के सर्वे में बिहार में तंबाकू सेवन करने वालों में काफी कमी आयी है.
यह आंकड़ा 53.5 प्रतिशत से घट कर 25.9 प्रतिशत हो गया है. जिला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल सह गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. एसपी सिंह ने भी कार्यशाला में पदाधिकारियों को आवश्यक जानकारी दिया.
त्रि-स्तरीय छापा दल का है गठन
तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के विभिन्न धाराओं के प्रभावी अनुपालन के लिए जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तर पर छापा दल का गठन किया गया है. जिसमें जिला स्तर जिला पदाधिकारी अध्यक्ष, आरक्षी उपाधीक्षक सदर, अधीक्षक सदर अस्पताल, जिला नोडल पदाधिकारी तंबाकू नियंत्रण, जिला परिवहन पदाधिकारी, डीपीओ आइसीडीसी, जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सहायक औषधि नियंत्रक, डीइओ, डीपीएम, श्रम अधीक्षक एवं थाना प्रभारी नगर थाना सदस्य है.
जबकि अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी अध्यक्ष, एसडीपीओ, कार्यपालक दंडाधिकारी, अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी, उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल समन्वयक सदस्य, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी व संबंधित थानाध्यक्ष सदस्य है. वहीं प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक व संबंधित थानाध्यक्ष सदस्य है.
सभी छापामार दस्ता को तंबाकू नियंत्रण अधिनियम के विभिन्न धाराओं का सख्ती से अनुपालन व अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया है. दोषी व्यक्ति के विरुद्ध जुर्माना का चलान काटकर जिला स्वास्थ्य समिति में जमा करने का भी निर्देश दिया गया.
प्रशिक्षण कार्यशाला में सीएस डा. एचके सिंह, पुलिस उपाधीक्षक संतोष मिश्रा, एसीएमओ डा. आरके चौधरी, सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा, रंजीत कुमार कर्ण, चंदना कुमारी सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी ने भाग लिया.

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