मधेपुरा : गणतंत्र दिवस को लेकर युवाओं में खासा उत्साह है. तिरंगा झंडा से पूरा शहर पट गया है. इसकी तैयारी को लेकर युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. अबकी बा र गणतंत्र दिवस के मौके पर युवाओं के बीच गांधी टोपी का क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा है. शहर के सुभाष चौक, थाना चौक एवं विभिन्न जगहों पर तिरंगे की दुकान सज चुकी है और स्कूली बच्चों की भारी भीड़ देखी जा रही है. बाजार में 10-500 रुपये तक का झंडा उपलब्ध है. दुकानदार ने कहा कि समय के साथ साथ गणतंत्र दिवस मनाने का तरीका भी बदल रहा है. बदलते परिवेश में युवाओं के बीच तिरंगा टैटू लगाने की होड़ मची हुई है. इसके अलावे गांधी टोपी,
भारत माता का मुकुट, ट्री कलर की साड़ी एवं चूड़ियां भी युवा छात्र व छात्राएं खरीद रहे हैं. खास कर स्कूली बच्चों के बीच महंगाई के बावजूद गणतंत्र दिवस को लेकर काफी उत्साह का माहौल है. ज्ञात हो कि महंगाई का असर तिरंगे पर भी साफतौर पर दिखाई दे रहा है. वहीं सिंहेश्वर में कई वर्षों से तिरंगे की दुकान सजा रहे सुभाष भगत एवं संजय भगत ने कहा कि दस रूपये से लेकर एक सौ रूपये तक के तिरंगे बाजार में उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में झंडा के दामों में पचास प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
चरित्र ही है युवाओं की मूल पूंजी : हमारा समाज एक ओर जहां पिमी सभ्यता और संस्कृति की चपेट में है तो दूसरी ओर मानसिक प्रदूषण के कारण हमारे युवा वर्ग दिशाहीन होता जा रहा है. यदि समय रहते हम नहीं चेते तो वो दिन दूर नहीं जब राष्ट्रीय पर्व भी लोग महज औपचारिकता पूरी करने के लिए मनायेंगे…उक्त बातें प्रभात खबर से विशेष बातचीत के क्रम में समाज के बुद्धिजीवियों ने कही. उन्होंने कल, आज और कल के बारे विस्तार से चर्चा की और दिशाहीन हो रहे युवाओं को चेतने की सलाह दी. युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना, शिक्षा के प्रति रूझान, सामाजिक सरोकार, परिवार के प्रति दायित्व बोध और टीवी व मोबाइल के माध्यम से हो रहे चारित्रिक पतन के बारे भी विस्तार से चर्चा की.
रिंकु कुमारी कहते हैं कि पहले लोग समाज व देश के बारे सोचते थे और सामाजिक दायित्वों के निर्वहन की बातें करते व सोचते थे. परंतु अब स्थिति बिल्कुल विपरित है. सामाजिक मुद्दे व सरोकार गौण हो गये हैं. यही कारण है कि भ्रष्टाचार व दिशाहीनता ने गति पकड़ ली है. चरित्र ही युवाओं की मूल पूंजी होती थी और आज भले ही हम तकनीकी रूप से विकसित हो चुके हैं लेकिन अधिकांश युवाओं में चारित्रिक पतन स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है. साथ ही नशाखोरी तो युवाओं को खोखला करने पर उतारू है उनमें परिवार के प्रति दायित्व बोध की भी कमी है. वहीं नीलम कुमारी बताते हैं कि पहले समाज में शिक्षा का अभाव था परंतु चारित्रिक तौर पर हम काफी सशक्त थे. हमें राष्ट्रीयता के बारे किसी क्लास की दरकार नहीं पड़ती थी, लेकिन आज युवाओं को राष्ट्र पे्रम की शिक्षा दी जाती है. उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी बेशक ज्यादा समझदार व शैक्षणिक तौर पर सशक्त है परंतु तकनीकी विकास के साथ उनका नैतिक पतन भी हुआ है. कृष्णा कुमारी कहते हैं कि पहले युवाओं में देशप्रेम का जज्बा कूट कूट कर भरा होता था और देश की समस्या पर वे तुरंत प्रतिक्रिया करते थे. गांव की मिट्टी की खुशबू वे शहरों तक फैलाते थे. वहीं आज की युवा पीढी शार्ट कट का रास्ता अख्तियार करते हैं और ये दिल मांगे मोर…की नीति अपनाते हैं.
चौसा : चौसा प्रखंड के आगामी 26 जनवरी को लेकर हुई बैठक में बीडीओ मिथिलेश बिहारी वर्मा, अंचलाधिकारी अजय कुमार, थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह, बाल विकास पदाधिकारी कुमारी रेखा, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित कुमार ,अराजपुर पश्चिमी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुबोध कुमार सुमन, चौसा पश्चिमी पंचायत के मुखिया प्रतिनिध सचिन कुमार पट्वे, चौसा पूर्वी मुखिया प्रतिनिधि अभिनंदन मंडल उपस्थित थे. झंडोत्तोलन का समय प्रखंड में 9.35 प्राथमिक स्वास्थ केंद्र 9.40 चौसा थाना 9.50 राजस्व कचहरी 9.55 पंचायत भवन ग्राम कचहरी चौसा पश्चिमी 10.00 जनता उच्च विद्यालय 10.05 प्रखंड संसाधन केंद्र 10.10 मध्य विद्यालय चौसा 10.15 कन्या मध्य विद्यालय 10.20 पशु चिकित्सा 10.25 पंचायत भवन ग्राम कचहरी चौसा पूर्वी 10.30 व्यपार मंडल 10.35 बाविरा कॉलेज 10.40 निर्धारित किया गया है.