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मधेपुरा पुलिस का 100 नंबर बना मखौल

सूचना के महत्वपूर्ण तंत्र के प्रति जिम्मेदार नहीं है पुलिस विभाग स्थापना काल से ही सदर थाना के बरामदे में चल रहा कंट्रोल रूम 100 नंबर पर डायल करने पर फोन लग जाता है मुजफ्फरपुर या सीतामढ़ी मधेपुरा : मधेपुरा पुलिस का जिला कंट्रोल रूम अपने वर्तमान स्थिति के कारण मजाक बन कर रह गया […]

सूचना के महत्वपूर्ण तंत्र के प्रति जिम्मेदार नहीं है पुलिस विभाग

स्थापना काल से ही सदर थाना के बरामदे में चल रहा कंट्रोल रूम
100 नंबर पर डायल करने पर फोन लग जाता है मुजफ्फरपुर या सीतामढ़ी
मधेपुरा : मधेपुरा पुलिस का जिला कंट्रोल रूम अपने वर्तमान स्थिति के कारण मजाक बन कर रह गया है. वरीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह कंट्रोल रूम महज औपचारिकता बना हुआ है. वहीं दूसरी तरफ जिले के किसी भी थाना क्षेत्र में छोटी मोटी घटना घटित होने के बाद आम लोगों पुलिस को सूचना देने के लिए परेशान हो जाते हैं.
कंट्रोल रूम और एक सौ नंबर के बाबत कई बार गण्यमान नागरिकों द्वारा पुलिस के वरीय अधिकारियों को शिकायत की, लेकिन विभाग इस दिशा में सुधार के प्रयास करना भी मुनासीब नहीं समझा. वर्तमान समय में जिलावासी जब किसी शिकायत के लिए एक सौ नंबर डायल करते हैं, तो बात मुजफ्फपुर, दरभंगा या सीतामढ़ी कंट्रोल रूम से होने लगती है.
ताम झाम के साथ हुआ था शुभारंभ . मधेपुरा के तत्कालीन एसपी आनंद कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान नियंत्रण कक्ष की आवश्यकता महसूस करते हुए जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना सदर थाना के बरामदे पर तत्काल किया गया था.
ताम झाम के साथ हुए उद्घाटन के समय एसपी कहा था कि जल्द कंट्रोल रूम में किसी भवन में स्थापित कर संसाधनों से परिपूर्ण किया जायेगा. लेकिन अपने स्थापना काल से ही यह कंट्रोल रूम तकनीकी परेशानी से जुझता रहा है. आज भी संसाधन के नाम पर कंट्रोल रूम में एक रीसिवर के सिवा और कुछ भी उपलब्ध नहीं है.

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