गुणवत्तापूर्ण सड़क निमार्ण नहीं होने के कारण स्थानीय ग्रमीण एवं जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन एवं क्षेत्रीय विधायक को किया गया. जिस पर क्षेत्रीय विधायक रमेश ऋषिदेव जिला प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से टीम गठित हो रहे सड़क निमार्ण कार्य एवं नदी में बन रहे पुल का स्थलीय जांच किया. जांच के दौरान देखा गया कि सड़क पर जीएसबी से पूर्व प्र्याप्त मात्र में मिट्टी करण नहीं किया गया था और जीएसबी 60 एवं 40 फीसदी जिसमें 60 प्रतिशत गिट्टी तथा बालू मिश्रित मिट्टी डाल कर उस पर रोलिंग किया जाना था. लेकिन संवेदक के द्वारा ऐसा कार्य नहीं किया गया. जांच टीम के समक्ष घटिया किस्म गिट्टी, मिट्टी मिले बालू से पूल का निमार्ण कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा था. उस वक्त संवेदक के द्वारा नियुक्त कोई भी व्यक्ति मौजुद नहीं था. निर्माण स्थल पर सिर्फ मजदूर ही कार्य करते दिखा.
टीम के समक्ष उपस्थित पूर्व मुखिया अरूण कुमार, जदयू के देवेंद्र यादव, रमेश यादव, विनो पंडित, विद्यानंद ठाकुर, चंद्र देव पासवान, ललित राम, भोगेंद्र यादव, सूर्य नारायण राम सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संवेदक के कर्मियों को जब ग्रामीणों के द्वारा हो रहे निमार्ण कार्य में कही जाती हैं तो जवाब में धमकी मिलता है तो तुमलोंगो को रंगदारी के मुकदमा में फंसा देगें. वही जांच टीम के द्वारा मौरा कवियाही पंचायत में चल रहे बाल विकास परियोजना के तहत संचालित ऑंगन बाड़ी केंद्रों की जांच किया. इस दौरान कई केंद्र बंद पाया गया. वही ग्रामीणों आंगनबाड़ी केंद्र में सेविका सहायिका बहाली में रूपया लेन देन कर चयन करने का भी आरोप लगाया.