मधेपुरा : सदर अस्पताल में सोमवार को करीब आठ सौ से अधिक मरीज़ों का इलाज किया गया. वहीं बताया गया कि 10:30 बजे तक महिला डॉक्टर के नहीं आने से महिला मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. धूप से बचने के लिए जल्द इलाज करवाकर घर जाने की सोच कर आये मरीजों को घंटों लाइन में डॉक्टर का इंतज़ार करना पड़ा.
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मधेपुरा : सदर अस्पताल में सोमवार को करीब आठ सौ से अधिक मरीज़ों का इलाज किया गया. वहीं बताया गया कि 10:30 बजे तक महिला डॉक्टर के नहीं आने से महिला मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. धूप से बचने के लिए जल्द इलाज करवाकर घर जाने की सोच कर आये मरीजों को […]
सदर अस्पताल में पहुंचे मरीजों में ज्यादातर लोग मौसम परिवर्तन के कारण सर्दी, खांसी, बुखार व अन्य वायरल बीमारियों से पीड़ित थे. इस बाबत चिकित्सकों की मानें तो तेज गर्मी लू लगने के साथ वायरल बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
इसके लिए ठंडे चीज़ों का सेवन करने के साथ खाने पीने में सावधानी बरतने की जरूरत है. वहीं इस मौसम में डायरिया व मलेरिया का खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है. जो शुरुआत में बुखार के बाद खतरनाक रूप ले लेता है. इसके लिए अपने आसपास साफ सफाई जरूर रखे और मच्छरदानी का इस्तेमाल भी जरूर करें.
घंटों कतार में लगने के बाद हो पा रहा इलाज
सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित महिला वार्ड में सुबह करीब 10 बजे तक महिला डॉक्टर के नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. तपती धूप व गर्मी से बचने के लिए आठ बजे अस्पताल पहुंचे मरीजों का 11 बजे तक इलाज संभव नहीं हो पाया. इस बाबत लाइन में खड़ी मरीजों ने बताया कि गर्मी के कारण सर्दी व बुखार हो गया है.
जल्दी घर जाने की सोच कर सुबह करीब 8 बजे अस्पताल पहुंची. लेकिन डॉक्टर नहीं रहने के कारण और ज्यादा लेट हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसके बाद लाइन में घंटों लगने के बाद दवा मिलेगी, जहां मरीजों को सुविधा के लिए पंखा भी नहीं लगाया गया है. वहीं अगर दो बज जायेगा तो बिना दवा लिए वापस घर लौटना पड़ेगा. अगर दवा मिलती है तो धूप में फिर दवा की खुराक पता करने के लिए जगह जगह भटकना पड़ेगा.
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