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जिले के छह प्रखंडों में एक भी क्लिनिक व जांच घर वैध नहीं

मधेपुरा/उदाकिशुनगंज : जिले के 13 प्रखंडों में केवल एक नर्सिंग होम, दो क्लिनिक व छह जांच घर को स्वास्थ्य विभाग से औपबंधिक पंजीयन मिला हुआ है. इसमें उदाकिशुनगंज, ग्वालपाड़ा, चौसा, गम्हरिया, चौसा, घैलाढ़ में एक भी नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी स्वास्थ्य विभाग से वैध नहीं है. उदाकिशुनगंज मुख्यालय में पिछले कई सालों से चल […]

मधेपुरा/उदाकिशुनगंज : जिले के 13 प्रखंडों में केवल एक नर्सिंग होम, दो क्लिनिक व छह जांच घर को स्वास्थ्य विभाग से औपबंधिक पंजीयन मिला हुआ है. इसमें उदाकिशुनगंज, ग्वालपाड़ा, चौसा, गम्हरिया, चौसा, घैलाढ़ में एक भी नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी स्वास्थ्य विभाग से वैध नहीं है. उदाकिशुनगंज मुख्यालय में पिछले कई सालों से चल रहे क्लिनिक व लिखे डॉक्टरों के नाम बड़ी-बड़ी डिग्री ,यहां तक कि सर्जन लिखे हुए बोर्ड को देखा जा रहा है.

उदाकिशुनगंज मुख्यालय के समीप कई डॉक्टर हैं जिनकी डिग्री वैध है या अवैध यह किसी को मालूम नहीं है. चूंकि स्वास्थ्य विभाग जांच के नाम पर उगाही कर रही है. एक दो बार कुछ डॉक्टरों के ऊपर कार्रवाई भी हुई है, लेकिन इन पर खासा असर नहीं पड़ा. भयमुक्त होकर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रह हैं.

उदाकिशुनगंज पीएचसी के सामने स्थित क्लिनिक में नर्स डॉक्टर बन कर लोगों का इलाज कर रही है. डॉक्टर पहले किसी निजी क्लिनिक में नर्स का काम करती थी. इसके बाद उदाकिशुनगंज आकर वह खुद डॉक्टर बन गयी. जिलाधिकारी के द्वारा इनके ऊपर कार्रवाई भी की गयी , लेकिन पुनः क्लिनिक बिना किसी रोक टोक के चल रहा है. दूसरे डॉक्टर का भी यही हाल है उदाकिशुनगंज स्थित बैंक चौक के पास एक और फर्जी डॉक्टर अपना क्लिनिक चला रहा है. यहां सालों से बिना बोर्ड बिना पर्ची के ही मरीजों को देखा जाता है.
डेंटल क्लिनिक में हो रहा ऑपरेशन : मालूम हो कि एक डॉक्टर जो डेंटल विभाग की डॉक्टर है, लेकिन इनके क्लिनिक में फर्जी तरीके से ऑपरेशन किया जाता है. इनके क्लिनिक को कई लोगों के मदद से ऑपरेट किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग मरीजों को बहला-फुसला कर मरीजों को फर्जी क्लिनिक तक ले जाते है.
केवल पांच नर्सिंग होम क्लिनिक व पैथोलॉजी पंजीकृत
शहर में नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. केवल शहर में सौ से अधिक ऐसे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के बोर्ड व साइन बोर्ड लगे दिखे जिस पर डॉक्टर के नाम लिखे है. मुख्यालय के अलावा विभिन्न प्रखंडों में इनकी संख्या पांच सौ से अधिक बतायी जा रही है, जबकि हैरत करने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग से पूरे जिले में केवल 49 नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी का औपबंधिक पंजीयन हुआ है. जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता व सिविल सर्जन के संयोजन में बैठक कर इनका पंजीयन किया गया था. इसमें 44 नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी की पंजीयन की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. इस प्रकार जिले में केवल पांच नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी हैं जिन्हें स्वास्थ्य विभाग से औपबंधिक पंजीयन प्राप्त है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी को छह माह के भीतर एमसीआइ के मानक अनुसार संसाधन व सुविधा को पूरा करने का निर्देश दिया था, लेकिन एमसीआइ के मापदंड को पूरा करने में मधेुपरा का लगभग सभी नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी को अबतक अक्षम साबित हुआ है.

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