मधेपुरा : चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ संपन्न हो गया. गुरुवार की शाम छठ व्रतियों द्वारा अस्तलगामी सूर्य को अर्घ दिया गया. वहीं शुक्रवार सुबह अर्घ के साथ ही छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास भी समाप्त हो गया. सुबह जैसे ही सूर्य ने अपनी लालिमा बिखेरी छठव्रतियों के चेहरे खिल उठे और भगवान सूर्य देव को अर्घ देकर पर्व को पूर्ण किया. हालांकि घने कुहासे ने व्रतियों को थोड़ा इंतजार जरूर कराया.
इधर, जिला मुख्यालय स्थिति विभिन्न छट घाटों प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त दुरुस्त देखी गयी. सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव गुरुवार शाम कई घाटों पर जाकर इंतजाम देखा तथा छठव्रतियों से भी मिले. उन्होंने कहा कि छठ सही मायने में लोक आस्था का पर्व है. जिसमें लोग प्रकृति की पूजा करते है. इस दौरान जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी छठ घाटों का निरीक्षण कर छठव्रतियों के हाथों प्रसाद ग्रहण किये. जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न घाटों पर गुरुवार की शाम व शुक्रवार सुबह डीएम मो सोहैल व एसपी विकास कुमार ने सुरक्षा
व्यवस्था का जायजा लिया. इस दौरान डीएम व एसपी ने घाट की चारों तरफ मुआयना करते हुए थानाध्यक्ष को आवश्यक निर्देश दिये. वहीं विभिन्न घाटों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने तीन श्रेणी में बांट कर रखा था. इसके लिए हर घाट पर खतरे के निशान पर बांस व रस्सी बांध कर घेराबंदी की गयी थी. वहीं नाव के साथ गोताखोर भी तैनात थे. इस वर्ष प्रशासन की मुस्तैदी से महापर्व छठ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया. विभिन्न घाटों पर डीएम व एसपी के अलावा कई वरीय अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे.
प्रशासन के साथ स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. छठ को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा. हादसे की आशंका के मद्देनजर एंबुलेंस को घाटों पर तैनात किया गया था. इन एंबुलेंस में डाॅक्टरों की टीम जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों के साथ ड्यूटी पर थे. हर जगह नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहा. छठ के दौरान किसी भी अप्रिय हादसे को टालने के लिए जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न घाटों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था.
अधिकतर दुकानें रही बंद. शहर में शुक्रवार को अघोषित बंदी दिखा. छठ पर्व होने के कारण गुरुवार को बाजार में इतनी भीड़ रही कि पूर्णिया गोला चौक से थाना चौक तक दिन भर में दर्जनों बार जाम की स्थिति बन गयी. हालांकि शाम होते -होते दुकानों के शटर गिर गये. बाजार पूरी तरह खाली हो गया. जिसे देखो वही सिर पर दउरा उठाये छठ घाट की ओर चला जा रहा था. शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के बाद छठ पर्व का समापन तो हो गया, लेकिन लोग छुट्टी के मूड में ही रहे. तीन दिनों की हरारत के बाद शुक्रवार को शहर की अधिकतर दुकानें बंद ही रही. कुछ लोगों ने पूछने पर कहा कि यह छठ कर्फ्यू है. अब शनिवार से ही बाजार पटरी पर लौटेगा.
हमहूं अर्घया देबै हे छठी मइया, केलवा के पात पर उगेलन सूर्यदेव : गम्हरिया. प्रखंड क्षेत्र में महापर्व छठ उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ संपन्न हो गया. विभिन्न घाट पर हमहूं अर्घया देबै हे छठी मइया, केलवा के पात पर उगेलन सूर्यदेव, आस्था के गहराइयों से निकले गीतों के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया गया. सूर्य देव की आराधना के दौरान छठव्रतियों के साथ-साथ
नन्हें-मुन्ने बच्चे को भी नतमस्तक होते देखा गया. ज्ञात हो कि आराध्य देव सूर्य की उपासना के साथ छठ पर्व करने से मनुष्य के साथ-साथ पृथ्वी पर निवास करने वाले जीव जंतु का भी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. शुक्रवार को सुबह से लोग घाटों पर अर्घ देने के लिए पहुंचने लगे थे. इस दौरान विभिन्न नदी व तालाब स्थित घाटों पर मौजूद लोग छठ मेया की भक्ति में लीन नजर आये. जैसे ही भगवान भास्कर ने दर्शन दिये छठव्रतियों ने उन्हें अर्घ समर्पित किया.
वहीं दूसरी ओर छोटे बच्चे के साथ-साथ युवक भी आतिशबाजी में व्यस्त दिखे. घाटों पर आतिशबाजी की गयी. इस दौरान लोगों को गुलाबी सर्दी का एहसास भी हुआ. उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ देने घाटों पर पहुंचे लोगों को मौसम की पहली सर्दी का अनुभव हो गया. प्रखंड के ईटवा जिवछपुर, भेलवा, बभनी, औराही एकपरहा, गम्हरिया पंचायत के विभिन्न घाटों पर हर्षोल्लास पूर्वक लोगों ने महापर्व छठ को मनाया. इस दौरान लोगों में उत्साह व उमंग का माहौल था. दूसरी तरफ इटवा जिवछपुर पंचायत में नदी किनारे स्थित छठ घाट को युवाओं ने आकर्षक रूप से सजाया था.
गुरुवार को दोपहर बाद छठ की डाली लेकर लोग घाट की और निकल पड़े आगे आगे डाली लेकर चलते पुरुष व पीछे महिलाओं की टोली सड़कों पर देखते ही बनती थी. जिवछपुर में युवाओं ने रात भर घाट को रंग बिरंगे बल्बों से सजाये रखा. शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को छठव्रती सहित श्रद्धालुओं ने अर्घ दिया. घाट पर संजय कुमार झा, रंजीत कुमार झा, नवीन कुमार, दिलीप कुमार, कुंदन कुमार, मनखुश कुमार, अन्नू कुमार सिंह, बिट्टू कुमार, फंटूस कुमार, ललन कुमार सिंह आदि मौजूद थे. गम्हरिया के भागवत चौक स्थित मुसहरी टोला व प्रखंड के अन्य घाटों पर गोताखोर को लगाया गया था. थानाध्यक्ष, बीडीओ व सीओ ने सभी घाटों का निरीक्षण किया .