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लोक अदालत है वैकल्पिक विवाद समाधान की सबसे बेहतर व्यवस्था

लोक अदालत न्याय का एक प्राचीन स्वरूप है जो भारत में सदियों से पंचायत के रूप में चला आ रहा है.

रामगढ़ चौक. प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत नंदनामा के महादलित टोला वार्ड संख्या चार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार लखीसराय के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष सह डीएम रजनीकांत, सचिव सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लखीसराय राजू कुमार के निर्देशानुसार ‘लोक अदालत एवं वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र’ विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता वार्ड सदस्य उषा देवी एवं संचालन टोला सेवक अनिल मांझी ने किया. मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के रिटेनर अधिवक्ता सीतेश सुधांशु ने बताया कि लोक अदालत न्याय का एक प्राचीन स्वरूप है जो भारत में सदियों से पंचायत के रूप में चला आ रहा है. वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र (एडीआर) के विषय में कहा कि यह एक विवाद समाधान की वैकल्पिक प्रक्रिया है. जिसमें न्यायालय की कठिन प्रक्रिया में उलझे बिना असहमत पक्ष में सुलह करायी जाती है. इसमें केवल दीवानी मामले ही सुलझाए जाते हैं और ऐसे निर्णय दिये जाते हैं जो दोनों पक्षों को स्वीकार होता है. जिसमें आपसी दुश्मनी जन्म नहीं लेती है. यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय नयी दिल्ली के द्वारा लंबित सुलहनीय वादों के निष्पादन हेतु विशेष लोक अदालत का आयोजन आगामी 29 जुलाई 2024 से तीन अगस्त 2024 तक किया जा रहा है. जिसमें सर्वोच्च न्यायालय में लंबित सुलहनीय वादों का निष्पादन कराया जा सकता है. मौके पर पर विधिक स्वयंसेवक विकास कुमार, प्रकाश कुमार एवं बबलू कुमार, पूर्व पंच सदस्य रिंटू तांती, ग्रामीण मिट्ठू मांझी, तुलसी मांझी, प्रतिमा देवी, रंजू देवी, कालीचरण मांझी, विलायती राम, पार्वती देवी आदि उपस्थित थे.

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