लखीसराय : लखीसराय समेत पूरे सूबे में नर्सिंग होम पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर नर्सिंग होम व प्राइवेट क्लिनिक का औपबंधिक यानि प्रोविजनल रूप से रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन होने के बाद सभी नर्सिंग होम व प्राइवेट क्लिनिक का निरीक्षण किया जायेगा.
मानक के अनुरूप नर्सिंग होम या क्लिनिक पाये जाने पर उसे ऑरिजिनल प्रमाणपत्र दिया जायेगा. मानक के अनुरूप नहीं पाये जाने वाले नर्सिंग होम या प्राइवेट क्लिनिक को सील कर दिया जायेगा. सरकार ने इसके लिए अब तक कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं की हैं. लखीसराय की क्या हैं स्थिति एक अनुमान के मुताबिक लखीसराय में डेढ़ दर्जन नर्सिंग होम के अलावे 60 से अधिक प्राइवेट क्लिनिक हैं.
यहां सदर अस्पताल के अलावे बड़हिया में एक रेफरल अस्पताल और सात पीएचसी चल रहा है. वर्तमान में एक भी नर्सिंग होम या प्राइवेट क्लिनिक का निबंधन नहीं हुआ है. निबंधन के दायरे में नर्सिंग होम व प्राइवेट क्लिनिक के अलावे होमियोपैथिक व आयुर्वेदिक क्लिनिक भी आते हैं. इनकी संख्या एक सौ से अधिक है. आइएमए का स्टैंडलखीसराय इकाई आइएमए अध्यक्ष डॉ. मेजर चंद्रमोहन ने बताया कि बिहार क्लिनिकल इस्टेबलिसमेंट एक्ट का आइएमए शुरू से ही विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक्ट में कई ऐसे प्रावधान हैं जिसे स्वीकार करना संभव नहीं है.
इस एक्ट में 24 घंटे चिकित्सक को सेवा देने की बाध्यता होगी, जो सिंगल चिकित्सक के लिए संभव नहीं है. इसमें पेसेन्ट को स्टेवलाइज करना अनिवार्य किया गया है. अब अगर किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पास हर्ट का पेसेन्ट आयेगा तो वह उसे रेफर ही कर सकता है. कारपोरेट हॉस्पिटल को बढ़ावा देने के लिए यह किया गया है. नर्सिंग एक्ट के कई बिंदु ऐसे हैं जिसे व्यवहार में उतारना संभव नहीं हैं. उदाहरण स्वरूप ट्रेंड पारा मेडिकल स्टाफ रखना अनिवार्य होगा.
दिक्कत यह है कि इतनी संख्या में ट्रेंड मेडिकल स्टाफ नहीं है. इसके लागू होने से इंसपेक्टर राज बढ़ जायेगा. यह एक्ट बड़े शहरों के लिए बनाया गया है. लखीसराय जैसे छोटे शहर में इसे लागू नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि आइएमए की ओर से 16 नबंबर को एक्ट के विरोध में हड़ताल प्रस्तावित है.कहते हैं सिविल सर्जनसिविल सर्जन राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि अभी इसकी चिट्ठी संज्ञान में नहीं है. आइएमए के गाइड लाइन केअनुसार ही नर्सिंग होम निबंधन के लिए आवेदन करेगा.
उन्हें अभी एक्ट की पूरी जानकारी नहीं है. इस बाबत वे जानकारी लेकर दिशा निर्देश के मुताबिक इसे कार्यरूप देंगे.करना होगा पालन*नसिंर्ग होम ऐसी जगह पर हो, जहां मरीज, अग्निशामन व एंबुलेंस आराम से पहुंच सके.*कमरे पूरी तरह से हवादार हो और इसमें पर्याप्त मात्रा में रोशनी आती हो*परिसर पूरी तरह साफ-सुथरा हो व पेयजल की व्यवस्था हो*आपदा या संकट की स्थिति में सिविल सर्जन के कहने पर सहायता उपलब्ध करा सके. *चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ के नाम, योग्यता व रजिस्ट्रेशन संख्या स्थायी रूप से दर्शाया जाये. इसमें परिवर्तन होने पर तिथि से तीन दिन के अंदर सक्षम प्राधिकार सिविल सर्जन को देना होगा.*बिजली जाने पर जेनेरेटर की व्यवस्था, आवासीय स्थान के परिसर में नर्सिंग होम नहीं रहे.