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साहब, इन अस्पतालों का भी तो इलाज करायें

लापरवाही . कायाकल्प योजना के बावजूद अस्पताल परिसर में गंदगी की भरमार डीएम द्वारा निरीक्षण के दौरान दिये गये निर्देश का अनुपालन नहीं लखीसराय : जिला मुख्यालय में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा को लेकर एक मात्र शहर के अंतिम छोर पर स्थापित सदर अस्पताल ही उपलब्ध है. स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में तो विफल है ही […]

लापरवाही . कायाकल्प योजना के बावजूद अस्पताल परिसर में गंदगी की भरमार

डीएम द्वारा निरीक्षण के दौरान दिये गये निर्देश का अनुपालन नहीं
लखीसराय : जिला मुख्यालय में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा को लेकर एक मात्र शहर के अंतिम छोर पर स्थापित सदर अस्पताल ही उपलब्ध है. स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में तो विफल है ही स्वच्छता, साफ सफाई के मामले में भी काफी पिछड़ा हुआ है. यही कारण है कि कायाकल्प योजना के तहत इसकी कोई चर्चा भी नहीं है.
जिसमे साफ सफाई, नर्सिंग व्यवस्था आदि को लेकर पुरस्कृत किये जाने की व्यवस्था है. इसके संदर्भ में राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा भेजे गये टीम द्वारा सदर अस्पताल को मात्र 40 प्रतिशत अंक प्रदान किया गया था. इधर अक्तूबर माह में डीएम द्वारा सदर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान भवन के चारों ओर व्यापक रूप से फैली झाड़ झंखाड़ और गंदगी को हटवाने के निर्देश का भी अब तक अनुपालन नहीं हो पाया है. स्थिति यह है
कि सिविल सर्जन आवास के ठीक सामने कूड़ेदान के पास मेडिकल वेस्टेज बिखरा पड़ा रहता है. कमोवेश यही स्थिति इमरजेंसी ओपीडी के दरवाजे पर भी है. डीएम अमित कुमार द्वारा प्रसव कक्ष के समक्ष फेंके जा रहे मेडिकल वेस्टेज को नियंत्रित करने, समुचित निष्पादन करने और प्रसूता कक्ष के पास ही शौचालय व्यवस्था किये जाने के निर्देश पर भी अब तक कोई अनुपालन नहीं हो पाया है. पेयजल को लेकर उपलब्ध चापाकल के व्यर्थ पानी का बहाव भी जल जमाव के कारण गंदगी फैला रहा है. इसके अलावे अस्पताल परिसर में कहीं कोई पेयजल की समुचित व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है.
लगभग दो वर्ष पूर्व से चल रही कायाकल्प योजना में गंदगी को संग्रहित कर उसे उचित तरीके से निष्पादित किये जाने पर बल दिया गया है, लेकिन इसके ऊपर कोई ध्यान नहीं दिये जाने का ही नतीजा है कि सिविल सर्जन आवास के सामने चारो ओर गंदे मेडिकल वेस्टेज बिखरा पड़ा रहता है. 100 शैय्या वाले इस अस्पताल के चारो ओर गंदे पानी का बहाव हो रहा है. जिसके कारण अस्पताल के मरीजों को मच्छरों के प्रकोप का बुरी तरह से सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में सदर अस्पताल के प्रबंधक नंद किशोर भारती ने अनमने ढ़ंग से व्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार किये जाने की बात बताते हैं.
बोले मरीज
सूर्यपुरा निवासी शंभु वर्मा कुत्ता काटने के बाद एंटी रेबिज सूई लेने पीएचसी आये थे. श्री वर्मा ने बताया कि तकरीबन आधे घंटे से खड़े हैं न डॉक्टर है और न ही रजिस्ट्रेशन काउंटर पर कर्मी उपलब्ध है.कटेहर गांव के 60 वर्षीय मो रज्जाक नेबताया कि 9:40 बजे से ही खड़े हैं. अव्यवस्था की वजह से परेशानी हो रही है.
इलेक्ट्रिक विभाग के कनीय अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि 9:15 से ही काउंटर पर हैं न रजिस्ट्रेशन खुला हुआ है और न ही ओपीडी खुला है. परमिला देवी अपनी पुत्री कुमकुम कुमारी का इलाज कराने पीएचसी आयी थी और सुबह 9:40 बजे से ही रजिस्ट्रेशन काउंटर के समीप खड़ी थी.

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