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दो लाख 20 हजार बच्चे एमडीएम से वंचित

लखीसराय : प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहाल बच्चों को मिलने वाला पौष्टिक आहार पिछले आठ माह से बंद रहा, इसका दोषी कौन है? यह सवाल आज अभिभावक पूछ रहे हैं. जिले के सात प्रखंडों में 777 प्रारंभिक स्कूलों में वर्ग एक से कक्षा आठ तक में लगभग 2 लाख 20 हजार बच्चे अध्ययन कर […]

लखीसराय : प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहाल बच्चों को मिलने वाला पौष्टिक आहार पिछले आठ माह से बंद रहा, इसका दोषी कौन है? यह सवाल आज अभिभावक पूछ रहे हैं. जिले के सात प्रखंडों में 777 प्रारंभिक स्कूलों में वर्ग एक से कक्षा आठ तक में लगभग 2 लाख 20 हजार बच्चे अध्ययन कर रहे हैं. जिनको सरकार द्वारा एमडीएम योजना के तहत दोपहर में पौष्टिक आहार दिया जाता है. लेकिन शिक्षा पदाधिकारी और शिक्षक संघ के नेताओं में झगड़ा को लेकर 26 दिसंबर 2016 से विद्यालय के प्रधान / प्रभारी प्रधान अपने को इससे हटाने की मांग को लेकर एमडीएम योजना बंद कर दी थी.

हालांकि कुछ स्कूलों में विभागीय अधिकारियों के दबाव में एमडीएम चलते रहा. लेकिन अधिक स्कूलों में यह योजना बंद ही रहा. जिस कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे को आठ माह से मिलने वाला आहार बंद पड़ा था.

शिक्षा पदाधिकारी व शिक्षक संघ के नेताओं में विवाद के बाद बंद हुआ था मिड-डे-मील
जांच में मिली थी गड़बड़ी
जिले के 777 प्रारंभिक स्कूलों के प्रभारी प्रधान 26 दिसंबर 2016 से पहले बड़े ही जोश से एमडीएम योजना को संचालित करते थे. लेकिन पटना के मोबाइल टीम ने विद्यालय के प्रभारी प्रधान की रिपोर्ट के आधार पर जांच किया तो रिपोर्ट को उल्टा देखा. जिसको लेकर एमडीएम योजना के तत्कालीन डीपीओ विजय कुमार मिश्रा ने लगभग एक दर्जन प्रभारी प्रधान पर कार्रवाई करते हुए राशि लौटाने का आदेश पारित किया. आदेश पारित होते ही संघ के नेता ने मध्याहृन भोजन बंद कर दिया. जब डीपीओ द्वारा कार्रवाई की गयी तो अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ , बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ वगैरह के नेता ने यह मांग किया कि शिक्षकों को इस योजना से अलग रखा जाये और इसको लेकर 26 दिसंबर 2016 से इस योजना को अपने अपने विद्यालय में बंद करते हुए अन्य प्रभारी से भी इसे बंद करने का आह‍्वान किया.
कई बार हुई शिक्षक संघ और अधिकारियों के बीच वार्ता
एमडीएम बंद होने के बाद दर्जनों बार शिक्षक संघ के नेताओं और अधिकारियों के बीच वार्ता हुई. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला . प्रभारी प्रधानों के हठधर्मिता के बाद डीपीओ स्थापना ने चार प्रभारी प्रधान को निलंबित करने एवं 78 का वेतन बंद करने की कार्रवाई की. इसके बाद संघ के नेता डीइओ कार्यालय के पीछे धरना प्रदर्शन किया. वार्ता हुआ तो फिर विफल हो गया. आदेश का अनुपालन सख्ती से करने का निर्देश प्राप्त होने पर संघ असमंजस में पड़ गया. 31 अगस्त 2017 को एमडीएम निदेशक विनोद कुमार ने सभी डीइओ ,डीपीओ को निर्देश दिया कि हर हाल में एमडीएम योजना चलाया जाये. इस योजना को बंद करने वाले विद्यालय प्रधानों पर कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया. जिसके बाद 3 सितंबर को संघ नेताओं का वार्ता डीइओ कार्यालय में जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ हुआ. जिसमें निलंबन एवं वेतन बंद की कार्रवाई का निर्देश वापस करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद संघ ने हड़ताल वापस ले लिया.

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