Bihar News: राज्य के कारखानों में काम करने वाले कामगारों के बच्चों की सुविधा के लिए पालना घर (शिशु गृह सुविधा) का निर्माण होगा. खास कर वैसे कारखाने जिसमें 50 या इससे अधिक कामगार काम करते हैं, वहां बच्चों के लिए पालनाघर बनाया जायेगा. श्रम संसाधन विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है, जो जल्द ही लागू होगा. वहीं, विभाग ने कामगारों के बच्चों को नजदीक के स्कूलों में भेजेंगे. अधिकारियों के मुताबिक इस प्रस्ताव में जिक्र किया गया है कि जिस कारखाने में कामगारों के 25 से अधिक बच्चे होंगे, उन्हें स्कूल भेजने की व्यवस्था करना होगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई बेहतर ढंग से चल सके.
50 से अधिक कामगार पर पालनाघर जरूरी
विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि अगर कोई कारखाना परिसर में 50 से अधिक कामगार काम कर रहे हैं, तो वहां शिशु गृह का निर्माण जरूरी होगा. काम करने वाले कामगार नियमित हों या ठेके पर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यही नहीं, कामगारों के लिए मालिकों की ओर से आवास का भी निर्माण कराना होगा. नियोक्ता को कंपनी के निकट आवास बनाने होंगे ताकि कामगारों को कार्यस्थल से आने-जाने में परेशानी नहीं हो.
आवास का निर्माण वैसे स्थलों पर किया जायेगा जहां प्रकाश व पेयजल की समुचित सुविधा उपलब्ध हो. मालिकों को इसका ख्याल रखना होगा कि कामगारों के लिए बनाएं जाने वाले आवास से कारखाना आने-जाने तक की पक्की सड़क हो एवं जलजमाव नहीं हो. सीवरेज की निकासी की समुचित व्यवस्था हो.
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मालिकों को यात्रा भत्ता देना होगा अगर कारखाने में प्रवासी श्रमिक काम करेंगे, तो नियोक्ताओं को यात्रा भत्ता देना होगा.खास कर वैसे कामगार जो छह महीने से अधिक समय से कारखाना में काम कर रहे हैं, तो रोजगार स्थान से गृह राज्य में उसके निवास स्थान तक के लिए साल में कम से कम एक बार यात्रा भत्ता देना अनिवार्य होगा. प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य सरकार एक टोल फ्री नंबर उपलब्ध करायेगी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha