पौआखाली : अररिया-सिलिगुड़ी नेशनल हाइवे 327ई पर पौआखाली और ताराबाड़ी के बीच मीरभिट्टा पुल और सड़क पर लगातार नदी के कटाव का दबाव जारी है. बुधवार की संध्या कटाव तेज होते देख स्थानीय लोगों ने डीएम, एसडीएम को इसकी सूचना देकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से हाइवे के यातायात को तत्काल बंद कर दिया है.
उधर समय गंवाये बगैर ही पहले एसडीएम मो शफीक और बाद में डीएम पंकज दीक्षित पूरी टीम के साथ मीरभिट्टा पहुंचकर रात्रि दो बजे तक हालात का जायजा लेते रहे आलाधिकारियों की निगरानी में बचाव कार्य जोर-शोर से जारी है. ताराबाड़ी से पूर्वी उत्तरी छोर पर कई दिनों से सड़क के किनारे किनारे कटाव जारी है, जिसकी सूचना मिलने के बाद से ही जिलाधिकारी पंकज दीक्षित, एसडीएम मो शफीक, एडीएम रामजी साह के अलावे इंजीनियरों की टीम मीरभिट्टा पुल का दौरा कर नजर बनाये हुए है. गुरुवार की सुबह से अबतक यातायात प्रभावित है सभी छोटी वाहनों का परिचालन फ़िलहाल पौआखाली-डेरामारी पथ होकर हो रही है.
पूर्वोत्तर राज्यों का एक संपर्क पथ हो सकता है भंग. मीरभिट्टा पुल अगर ध्वस्त हो गया तो पूर्वोत्तर राज्यों से संपर्क का एक मात्र जमीनी साधन एनएच 31 ही शेष रह जायेगा.ज्ञात हो कि एनएच 327 ई होकर पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचने का सबसे सुलभ राष्ट्रीय राजमार्ग है पूर्व में भी ताराबारी पूल के धवस्त होने से काफी लंबे समय तक यह राजमार्ग ठप रहा,
फ़िलहाल ताराबाड़ी में नये पुल निर्माण के बाद से यह राजमार्ग चालू है. किन्तु फिर एकबार संकट की घड़ी के दौर से अब ताराबारी पूल के बाद मीरभिट्टा पूल गुजर रहा है जिसपर ध्यान देने की आवश्यकता है.
भारत चीन युद्ध के वक्त बना था पुल. अररिया-सिलिगुड़ी इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का भले ही अब जाकर दर्जा मिला हो किन्तु इसका निर्माण सन 1962 ई में भारत-चीन के बीच छिड़ी जंग के बाद सेना ने इस मार्ग को और मार्ग में पुलों का निर्माण कराया था आज भी पुलों के नीचे बॉक्स बने हुये है और अंदर छुपने का इंतजाम है तब से अबतक इस मार्ग पर इन पुलों पर होकर ही परिचालन जारी है. इन पुलों की स्थिति कैसी है वर्त्तमान में विशेषज्ञों की टीम से जांच कराकर इनके बचाव को लेकर कदम उठाना की जरुरत है़
पौआखाली भी सुरक्षित नहीं. मीरभिट्टा के पास नदी की तेज धारा अगर सड़क और पूल को ध्वस्त करता है तो निसंदेह ही मीरभिट्टा सहित पौआखाली बाजार वासियों के लिए भी बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो जायेगा,पूरा बाजार इसके जद में आ जायेगा वैसे अभी से ही मीरभिट्टा के नजदीकी गांवों की स्थिति बेहद ख़राब है शीमलबारी, पवना, केलाबाड़ी मोमीन बस्ती, नयागंज आदि गांव भी इसके निशाने पर है हालात ऐसे ही रहे तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है़