विशनपुर : किसानों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है. सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य आम किसानों को मिल सकेगी यह कहना कठिन है. इसलिए कि हर जगह बिचौलिए हावी हैं. प्रखंड में पैक्सों द्वारा धान की खरीदगी आरंभ नहीं हुई है. गेहूं-दलहन का खेती का समय है. पैसे के अभाव में किसान कम कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. किसान सीताराम यादव ने कहा कि बाढ़ के कारण धान की फसल बर्बाद हुई. अब परिवार के जीवन यापन गेंहू व मक्के पर ही निर्भर है. धान की उपज कम हुई.
सात-आठ सौ रुपये धान बेच कर गेहूं की खेती करने को विवश हूं. किसान जहीररूद्दीन ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पाने के लिए सरकारी नियमों का पालन करना इस प्रखंड के आम किसानों के लिए संभव नहीं है. किसान जियाउल कहते हैं कि विशनुपर हाट पर बिचौलियों के हाथों धान बेच कर सब्जी एवं अन्य जरूरी समान खरीदने को विवश हैं.