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केंद्र का रास्ता किया बंद

विवाद. आंगनबाड़ी केंद्र संचालन को ले जमीन मािलक ने किया विरोध झोपड़ीनुमा मकान में केंद्रों का संचालन होने से लगातार बारिश होने से केंद्रों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा था. दो माह पूर्व सीडीपीओ के निरीक्षण के क्रम में अर्धनिर्मित भवन में केंद्र संचालन को लेकर आनी वाली समस्याओं के संबंध […]

विवाद. आंगनबाड़ी केंद्र संचालन को ले जमीन मािलक ने किया विरोध

झोपड़ीनुमा मकान में केंद्रों का संचालन होने से लगातार बारिश होने से केंद्रों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा था. दो माह पूर्व सीडीपीओ के निरीक्षण के क्रम में अर्धनिर्मित भवन में केंद्र संचालन को लेकर आनी वाली समस्याओं के संबंध में दिया गया था एक आवेदन
कुर्लीकोट : ठाकुरगंज प्रखंड के कुर्लीकोर्ट थाना क्षेत्रांतर्गत कनकपुर पंचायत के जामनीगुरी गांव में केंद्र संख्या 293 पर केंद्र संचालन को रोकने के मामले को लेकर सेविका नगमा खातून प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में लिखित आवेदन देते हुए कहा है कि पूर्व से झोपड़ीनुमा मकान में केंद्रों का संचालन होने से लगातार बारिश होने से केंद्रों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा था.
दो माह पूर्व सीडीपीओ के निरीक्षण के क्रम में अर्धनिर्मित भवन में केंद्र संचालन को लेकर आनी वाली समस्याओं के संबंध में एक आवेदन दिया गया. इसके बाद पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ कनकपुर मुखिया प्रतिनिधि शौकत अली के साथ मरम्मत कराने को लेकर बैठक की गयी, जिसमें जमीनदाता उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद पुनः निरीक्षण के आदेश के बाद जब साफ सफाई कर बोर्ड लगाने लगी तो बीवी मरहम, पति-महिंनदिन, बेटा कलाम और बेटी लाडली के साथ आकर गाली-गलौज करते हुए बोर्ड को गड्ढे में फेंक दिया और धमकी देते हुए गयी कि तुम्हारे पदाधिकारी को भी हिम्मत नहीं है आकर केंद्र चलाए सबको देख लेंगे.
आवेदन में नगमा खातून बताती है कि आंगनबाड़ी केंद्र जिस जमीन पर बना है उसका कुछ हिस्सा रेलवे की जमीन में पड़ता है और कुछ भाग जमीन खाता में पड़ता है. जमीन मालिक द्वारा जमीन दान किया जा चुका है. लेकिन, रजिस्ट्री न होने के कारण जमीन में विवाद उत्पन्न हो गया है. घटनास्थल पर मो सुभान, हबू लाल द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक सेविका केंद्र संचालन के लिए पहुंची तो खाली पड़े सेंटर में मकई की डांट जंगलों से भवन में प्रवेश से बाधित कर दिया गया.
इधर जमीनदाता मो मोयुद्दीन अपने बेटे और पत्नी के साथ मौके पर पहुंच अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग किया. अपनी जमीन पर सरकारी राशि से अर्धनिर्नित भवन को निजी बतलाया, जबकि, जमीन के कुछ हिस्से रेलवे में है. साथ ही बताया कि जमीन किसी को लिखा नहीं गया है. जमीन का उचित मुआवजा के रूप में मिलने के उपरांत ही रजिस्ट्री कर जमीन हस्तांतरित की जाएगी. पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए सीडीपीओ शशिकला सिंह ने बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है.
जिला पदाधिकारी के आदेश के बाद ही पुराने स्थल पर केंद्र का संचालन हो पाया था. अब अर्धनिर्मित भवन में रोक लगाने की सूचना मिलने पर जिला पदाधिकारी सहित वरीय विभागीय अधिकारी को लिखित सूचना दी जायेगी़ विभाग के निर्देशानुसार अग्रतर कार्रवाई की जाएगी.

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