कार्यक्रम . विश्व पर्यावरण दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, पॉलीथिन के प्रयोग पर जतायी िचंता
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¹पॉलीथिन के विकल्प का करें प्रयोग
कार्यक्रम . विश्व पर्यावरण दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, पॉलीथिन के प्रयोग पर जतायी िचंता पॉलीथिन के उपयोग से होने वाले नुकसान एवं किस प्रकार पॉलीथिन के उपयोग को कम किया और इसके विकल्प को अपना कर पर्यावरण की रक्षा की जाये. इस पर शहर के बुद्धिजीवियों ने अपनी राय दी. किशनगंज : पॉलीथिन हमारे […]
पॉलीथिन के उपयोग से होने वाले नुकसान एवं किस प्रकार पॉलीथिन के उपयोग को कम किया और इसके विकल्प को अपना कर पर्यावरण की रक्षा की जाये. इस पर शहर के बुद्धिजीवियों ने अपनी राय दी.
किशनगंज : पॉलीथिन हमारे रोजमर्रा के कार्यों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली वस्तु बन गयी है़ पॉलीथिन का उपयोग मनुष्य, पशु पौधे, मौसम, पर्यावरण सभी को प्रभावित कर रहा है़ पॉलीथिन के उपयोग से होने वाले नुकसान एवं किस प्रकार पॉलीथिन के उपयोग को कम किया जाये और पॉलीथिन के विकल्प को अपना कर पर्यावरण को बचाया जाये इस विषय पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रभात खबर कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया़
संगोष्ठी में मौजूद शहर के बुद्धिजीवियों में अधिवक्ता अशोक कुमार साह, पेट्रोल पंप मालिक संजय सिंह, होटल व्यवसायी सुजीत कुमार सिंह, अजय कुमार, पवन काला, सुरेश जैन, प्रदीप साह एवं राज कुमार जैन ने प्रभात खबर द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में भाग लेकर अपने विचार व्यक्त किये़ वहीं सबों ने एक स्वर में प्रभात खबर की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्रभात खबर खबरों के अलावा सामाजिक सरोकार से जुड़ी समस्याओं को उठा कर लोगों को जागरूक करने का कार्य करता आ रहा है़ इसके लिए प्रभात खबर की जितनी प्रशंसा की जाये कम है़
महिलाओं ने किया पौधारोपण
टेढ़ागाछ प्रतिनिधि के अनुसार, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर टेढ़ागाछ प्रखंड के झाला पंचायत के बलुआ जागीर में स्थानीय महिलाओं ने पौधरोपण किया. छोटे बच्चे-और महिलाओं ने अपने हाथों से पौधा लगाकर पर्यावरण बचाने व उसकी रक्षा करने का संदेश दिया. इस दौरान गृहिणी फिरोजा बेगम और चांदनी ने बताया कि पौधारोपण आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि मानव अपने आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पेड़ों को काट तो रहा है लेकिन उसकी जगह पर पौधे नहीं लगा रहा है़, जिससे संपूर्ण शहर कंक्रीट का जंगल बनता जा रहा है़ उन्होंने स्वच्छ एवं हरा-भरा जिले बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखकर ही हम आने वाली पीढ़ी को सुखद एवं सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं.
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