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दुर्घटना के बाद तड़पता छोड़ भाग निकला था गेटमैन

दुर्घटना के बाद तड़पता छोड़ भाग निकला था गेटमैन फोटो. 1 में कैप्सन. नहीं सूख रहा आंखाें का आंसू…कोमल को संभालते परिजन ————–ट्रेन से बाइक की टक्कर बाद मदद के लिए चीखती-चिल्लाती रही कोमल, मदद को नहीं आया रेलकर्मी तड़पते राजेश व बेसुध बच्ची सहित घायल कोमल को तड़पते छोड़ से देने मानवता हुई कलंकित […]

दुर्घटना के बाद तड़पता छोड़ भाग निकला था गेटमैन फोटो. 1 में कैप्सन. नहीं सूख रहा आंखाें का आंसू…कोमल को संभालते परिजन ————–ट्रेन से बाइक की टक्कर बाद मदद के लिए चीखती-चिल्लाती रही कोमल, मदद को नहीं आया रेलकर्मी तड़पते राजेश व बेसुध बच्ची सहित घायल कोमल को तड़पते छोड़ से देने मानवता हुई कलंकित पहले से विकलांग कोमल ने खोया अपना लाल, बेटी के साथ-साथ पति भी हुआ अपाहिज पांच मिनट और विलंब होता, तो दुर्घटना की चपेट में आ जाती कोमल की बहन दूसरे बाइक से पति के साथ आ रही कोमल की बहन बाल-बाल बची घटना के वक्त खुला ढाला बंद कर भागा था संसारपुर रेलवे केबिन पर तैनात गेटमैन इंट्रो—–मानसी-खगडि़या रेल खंड पर संसारपुर रेलवे ढाला पर ट्रेन व बाइक की टक्कर का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. इधर, पूरे प्रकरण में विधायक पूनम देवी यादव द्वारा सोनपुर रेल मंडल प्रशासन द्वारा की जा रही ज्यादती के खिलाफ रेल मंत्री को शिकायत करने की घोषणा से मामला गरमाने की उम्मीद है. इधर, पीड़ित परिवार ने डीआरएम सहित दूसरे रेल अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर करने का एलान किया है. उधर, घटना में अपने इकलौते बेटे को खो चुकी कोमल अब भी सदमे से उबर नहीं पायी है. पूरे प्रकरण के बाद रेलवे प्रशासन द्वारा मीडिया से मुंह मोड़ने से लोगों ने तरह तरह के सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं. ————————प्रतिनिधि, खगड़ियालगता है रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियाें की संवेदना मर चुकी है. तभी तो मंगलवार को संसारपुर ढाला पर ट्रेन व बाइक की टक्कर बाद घायल कोमल मदद के लिए चीखती चिल्लाती रही, लेकिन केबिन में तैनात रेलकर्मी ढाला गिरा कर भाग निकला. दुर्घटना में अपने इकलौते बेटे को खो चुकी कोमल अभी भी सदमे से उबर नहीं पायी है. रेलवे द्वारा घटना में इकलौता बेटा खोने वाले बाइक सवार राजेश भगत के खिलाफ केस दर्ज कराने के बाद पीड़ित के परिजनों सहित ग्रामीणों में आक्रोश चरम पर है. ग्रामीणों ने कहा कि दुर्घटना के बाद तड़पते राजेश व बेसुध बच्ची रिया सहित घायल कोमल को छोड़ कर रेलकर्मी के भाग निकलने से मानवता कलंकित हुई है. लोग एक ही सवाल कर रहे हैं कि घटना के बाद जब राजेश पहले सदर अस्पताल फिर बेगूसराय के अस्पताल में भरती है, तो वह अपने साथियों की मदद से रेलवे ट्रैक कैसे जाम करवा दिया? आखिर रेलवे इस तरह का झूठा आरोप लगा कर प्राथमिकी दर्ज करवा कर क्या जता रही है? मायके से जिद कर निकली थी कोमल मंगलवार की सुबह जमालपुर स्थित मायके से संसारपुर स्थित ससुराल आने के लिए वह जिद करके निकली थी. उसने कहा कि प्रियांशू (दुर्घटना में मृत बालक) की परीक्षा है, सो जाना जरूरी है. अब तो प्रियांशू ही इस दुनिया में नहीं है. मंगलवार की सुबह संसारपुर रेलवे ढाला पर ट्रेन से बाइक की टक्कर में प्रियांशू ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. वह राजेश व कोमल के घर का इकलौता चिराग था. पहले से विकलांग कोमल के बाद अब पति राजेश व मासूम सी बेटी रिया भी अपाहिज होकर अस्पताल में इलाजरत हैं. पांच दिनों से भूखी-प्यासी है कोमल हादसे के भले ही पांच दिन बीत गये हैं, लेकिन अब तक कोमल पूरी तरह होश में नहीं आयी है. शुक्रवार को घर पहुंचने पर वह दहाड़ मार कर रोते हुए कलेजे के टुकड़े को लाने की गुहार लगाने लगी. इकलौता बेटा खो चुकी कोमल की इस चीत्कार को सुन आसपास में मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयीं. कोमल की भाभी पूजा ने बताया कि चार दिनों से भूखी-प्यासी एक ही रट लगा रही है कि कोई मेरे लाल को वापस ला दो. बाल-बाल बचे अंजना व उनके पति जमालपुर स्थित अपने भाभी के मायके से कोमल व उनकी बहन एक साथ ही खगड़िया स्थित अपने ससुराल आने के लिए निकली थीं. कोमल अपने दोनों बच्चे के साथ पति राजेश के बाइक से खगड़िया आ रही थी, तो कोमल की बहन अंजना अपने पति सदानंद भगत की बाइक पर. वह तो शुक्र था कि सदानंद की बाइक करीब 200 मीटर पीछे हो गयी. अगर दोनों बाइक साथ चलतीं, तो शायद सदानंद व अंजना भी दुर्घटना के शिकार हो सकते थे. अंजना की मानें, तो दुर्घटना के वक्त वह सौ मीटर पीछे थी. ढाला खुला हुआ था. बाइक से ट्रेन की टक्कर के बाद गेट मैन जल्दी से ढाला बंद कर भाग निकला. इस बीच दौड़ कर वह वहां पहुंची, तब तक बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गये. पुलिस की गाड़ी ने पहुंचाया अस्पताल घटना बाद मदद के लिए चिल्लाते घायलाें को छोड़ कर गेट मैन तो भाग निकला, लेकिन मौके पर पहुंची जिला पुलिस ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचा कर मानवता का परिचय दिया. सदर अस्पताल से रेफर होने के बाद राजेश को दोपहर 11 : 43 बजे डाॅ नालिनी रंजन के क्लिनिक में भरती करवा दिया गया. राजेश के हाथ-पैर टूटे हुए हैं. रिया के कई अंगों में गंभीर चोटें आयी हैं. वह आइसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. इधर, रेल प्रशासन ने हादसे के लिए घायल राजेश को जिम्मेवार ठहराते हुए मामला दर्ज करवा दिया. गुस्से में हैं ग्रामीण घटना के पांच दिन बीतने के बाद भी मामला ठंडा होने की बजाय धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. हाथ-पैर टूटने के बाद राजेश अस्पताल में भरती है. वहीं मासूम बच्ची रिया आइसीयू में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है. इधर, रेल प्रशासन द्वारा घायल राजेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा देने से ग्रामीणों में गुस्सा है. लोगों का कहना है कि रेलवे ने झूठा मुकदमा दर्ज करवा कर इनसानियत का गला घोंटा है. उधर, बेटे को खोने के गम में मां बेहोश है, लेकिन रेल प्रशासन आंसू पोछने के बजाय जले पर नमक छिड़क रहा है.मैंने अपने कलेजे का टुकड़ा खोया है. रेलवे की लापरवाही के कारण घर का इकलौता चिराग बुझ गया. बेटी भी मौत की दहलीज पर पहुंच गयी, पति भी अपाहिज हो गया, लेकिन रेलवे अपनी गलती पर परदा डालने के लिए झूठी प्राथमिकी दर्ज करवा कर जले पर नमक छिड़क रहा है. कोमल, घायल राजेश की पत्नी—————–मेरी बहू अब तक बेसुध है. होश में आते ही प्रियांशू (मृत बेटा) को ढूंढ़-ढूंढ़ कर बेहोश हो जा रही है. चार दिनों से उसने कुछ खाया-पिया नहीं है. बेटा और पोती भी अपाहिज होकर अस्पताल में भरती हैं. पर, अभी भी रेलवे का कलेजा ठंडा नहीं हुआ है. झूठी प्राथमिकी दर्ज करवा कर रेलवे मेरे राजेश को फंसा रही है. लगता है रेलवे अधिकारियों की संवेदना मर चुकी है. – सरोजिनी देवी, कोमल की सास ———————- शुक्र था कि कोमल के पति हेलमेट पहने हुए थे वरना आज राजेश भी शायद ही जिंदा होते. जमालपुर से संसारपुर लौटते वक्त रेलवे रेलवे ढाला खुला होने की वजह से यह हादसा हुआ है. पर, रेल प्रशासन अड़ियल रवैया अपना रहा है. इसके खिलाफ कोर्ट की शरण ली जायेगी. इंसाफ मिलने तक रेलवे के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. – पूजा कुमारी, कोमल की भाभी

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