खगड़िया : सदर प्रखंड के कासीमपुर पंचायत में आयी बाढ़ में स्थानीय बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल द्वारा घोर लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि बांध के कमजोर होने की जानकारी कई बार विभाग को पंचायत प्रतिनिधियों ने दी थी. इसके बावजूद इस जगह पर विभाग द्वारा निरोधात्मक काम शुरू नहीं किया गया. लोगों का कहना है कि अगर समय रहते यहां काम शुरू कर दिया जाता, तो शायद आज वे लोग सामान्य जीवन जी रहे होते.
मिली जानकारी के अनुसार, जिला परिषद क्षेत्र संख्या पांच के सदस्य सह शिक्षा समिति के अध्यक्ष विद्यानंद दास ने इस जगह पर बांध के कमजोर होने की सूचना दो बार जिला परिषद कार्यालय के माध्यम से बाढ़ नियंत्रण विभाग को दी थी. इसके अलावा पंचायत के मुखिया अमरजीत कुमार ने भी इस बात की जानकारी सीधे तौर पर विभाग को दी थी, लेकिन यहां किसी प्रकार का काम शुरू नहीं किया गया.
लोगों ने बाढ़ के सीधे तौर पर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधिकारियों को दोषी ठहराया है. लोगों का कहना है कि जब समय रहते विभाग को बांध की कमजोर स्थिति से अवगत करा दिया गया था, तो फिर किस परिस्थिति में यहां काम नहीं शुरू किया गया. समय रहते काम शुरू करवा दिया जाता तो शायद आज वे लोग बाढ़ के पानी से नहीं घिरे होते.
* कहते हैं अधिकारी
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता महेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि उन्हें जिला परिषद की तरफ से कोई पत्र नहीं मिला. उन्होंने बताया कि कासीमपुर पंचायत के मुखिया का पत्र बांध पर मनरेगा से कार्य कराने की अनुमति (एनओसी लेने के लिए) के लिए जरूर मिला था. एनओसी देना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. इसके लिए विभाग को लिखा गया था.