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टीकाकरण से 21 फीसदी बच्चे वंचित

रिपोर् अमदाबाद में सबसे कम 53 फीसदी बच्चे किये गये प्रतिरक्षित कटिहार : जिला नियमित टीकाकरण के मामले में यूं तो अन्य जिलों की तुलना में बेहतर है, लेकिन अभी भी औसतन 20 प्रतिशत बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं. तमाम तरह की आधारभूत संरचना होने के बावजूद टीकाकरण से जिले के 20 प्रतिशत […]

रिपोर् अमदाबाद में सबसे कम 53 फीसदी बच्चे किये गये प्रतिरक्षित

कटिहार : जिला नियमित टीकाकरण के मामले में यूं तो अन्य जिलों की तुलना में बेहतर है, लेकिन अभी भी औसतन 20 प्रतिशत बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं. तमाम तरह की आधारभूत संरचना होने के बावजूद टीकाकरण से जिले के 20 प्रतिशत बच्चों का वंचित रहना स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली व मॉनीटरिंग सिस्टम पर भी सवाल पैदा करता है. जिले के लिए बेहतर बात यह जरूर है कि टीकाकरण के मामले में कटिहार राज्य औसत के करीब पहुंच चुका है.
सूरज गुप्ता4 कटिहार
शिशु व बाल मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो वर्ष तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत प्रतिरक्षित किया जाता है. कटिहार जिला नियमित टीकाकरण के मामले में यूं तो अन्य जिलों की तुलना में बेहतर है, लेकिन अभी भी औसतन 20 प्रतिशत बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं. तमाम तरह की आधारभूत संरचना होने के बावजूद टीकाकरण से जिले के 20 प्रतिशत बच्चों का वंचित रहना स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली व मॉनीटरिंग सिस्टम पर भी सवाल पैदा करता है. जिले के लिए बेहतर बात यह जरूर है कि टीकाकरण के मामले में कटिहार राज्य औसत के करीब पहुंच चुका है.
टीकाकरण सर्वोच्च प्राथमिकता में
जिले में एचआइएमएस रिपोर्ट के अनुसार 79 प्रतिशत बच्चे प्रतिरक्षित हुए हैं. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थानीय इकाई के अनुसार करीब 74-75 प्रतिशत बच्चे ही प्रतिरक्षित हुए हैं. उल्लेखनीय है कि केंद्र व राज्य सरकार बच्चे को करीब सात जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जन्म के तुरंत बाद से दो वर्ष की आयु तक पूर्ण प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बच्चों के टीकाकरण अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है. यही वजह है कि गांव स्तर पर बच्चों के टीकाकरण की व्यवस्था सरकार की ओर से की गयी है. इसके बावजू
द टीकाकरण की यह स्थिति कई तरह के सवाल पैदा करती है. जिले में टीकाकरण अभियान को लेकर प्रभात खबर ने गहनता से पड़ताल की है.
79 फीसदी बच्चों का हुआ टीकाकरण
सिविल सर्जन द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए जारी एचएमआइएस रिपोर्ट के आधार पर कटिहार जिले में करीब 79 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया गया है. हालांकि बच्चों के मिलने वाले टीकाकरण को वर्गीकरण करने पर इसके अलग-अलग आंकड़े हैं.
मसलन सीएस की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 110 प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत बीसीजी का टीका लगाया गया. 97 प्रतिशत बच्चों को मिजिल्स एक का टीका दिया गया है. इसी तरह पेंटावेलेंट तीन 86 प्रतिशत बच्चों को मिला है. ओपीवी व डीपीटी तीन क्रमश: 94 व 13 प्रतिशत बच्चों को दिया गया है.
ओवरऑल कटिहार जिले में 79 प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत प्रतिरक्षित किया गया है. हालांकि डब्लूएचओ व विभिन्न एजेंसियों के जरिये मॉनिटरिंग सिस्टम के आधार पर जुटाये गये आंकड़ों के अनुसार कटिहार जिले में करीब 74-75 प्रतिशत बच्चे ही प्रतिरक्षित हुये हैं. जिले में वर्ष 2015-16 में कुल 88644 बच्चों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था. दरअसल कटिहार स्वास्थ्य विभाग भले ही टीकाकरण के मामले में राज्य औसत के करीब पहुंचने की वजह से खुश है, लेकिन अभी भी जिले के 21 प्रतिशत बच्चों का प्रतिरक्षित नहीं होना स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को ही परिलक्षित करता है. यद्यपि एक हजार आबादी से लेकर प्रखंड, जिला व राज्य स्तर पर कई तरह की एजेंसी के द्वारा टीकाकरण अभियान की मॉनीटरिंग होती रही है.
इसके बावजूद इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण से बच्चों का वंचित रह जाना एक बड़ा सवाल पैदा करता है. स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ सहित कई गैर सरकारी संगठन भी शत प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत प्रतिरक्षण के लक्ष्य को लेकर इस जिले में काम कर रहे हैं. इसके बावजूद टीकाकरण की यह स्थिति समझ से परे है.
सीएस की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
सबसे खराब स्थिति कदवा, अमदाबाद, कटिहार शहर, फलका व बारसाेई की
अगर सीएस के एचएमआइएस रिपोर्ट को आधार मानें, तो कटिहार जिले में अभी भी 21 प्रतिशत बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित हैं. यानी जिले के 21 प्रतिशत बच्चे पर जानलेवा बीमारी का खतरा बना हुआ है. टीकाकरण के मामले में सबसे खराब स्थिति कदवा, अमदाबाद, कटिहार शहर, फलका, बारसोई की है. आंकड़ों के अनुसार अमदाबाद में सबसे कम 53 प्रतिशत बच्चे को प्रतिरक्षित किया गया है. जबकि कदवा व कटिहार शहर में क्रमश: 54 व 58 प्रतिशत बच्चों को प्रतिरक्षति किया गया है. वहीं जिले के कुरसेला प्रखंड में सर्वाधिक यानी 91 प्रतिशत बच्चों को प्रतिरक्षित किया गया है. दूसरे स्थान पर डंडखोरा प्रखंड है जहां 90 प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत प्रतिरक्षित किया गया है. यह आंकड़ा स्थानीय डब्लूएचओ यूनिट की है.

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