19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रेल परियोजना चार दशक से अधर में

रेल परियोजना चार दशक से अधर में फोटो नं. 33 कैप्सन-परियोजना का लगा बोर्ड. प्रतिनिधि, कुरसेला बिहारीगंज-कुरसेला महत्वाकांक्षी रेल परियोजना बीते चार दशकों से अधर में अटका हुआ है. मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार के सुदूर गांवों के रेल गाड़ी पर सवारी के सपने पर पानी फिरता आ रहा है. सपनों के उम्मीद की किरणें बोझिल बनी […]

रेल परियोजना चार दशक से अधर में फोटो नं. 33 कैप्सन-परियोजना का लगा बोर्ड. प्रतिनिधि, कुरसेला बिहारीगंज-कुरसेला महत्वाकांक्षी रेल परियोजना बीते चार दशकों से अधर में अटका हुआ है. मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार के सुदूर गांवों के रेल गाड़ी पर सवारी के सपने पर पानी फिरता आ रहा है. सपनों के उम्मीद की किरणें बोझिल बनी हुई है. उम्मीदों को साकार करने के लिए इन क्षेत्रों की जनता तारणहारो का बाट जोहती आ रही है. सुदूर इलाके को रेल सुविधाओं से जोड़ने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने योजना का सपना दिखाया था. जिसके सपने चालीस वर्षों के बाद भी पूरे नहीं हो सके हैं. सपने देखने वाले तीन जिले के सुदूर क्षेत्रों के लोगों के रेल सुविधा के लालसे पूरे नहीं हो सके हैं. परियोजना पर रेल स्टेशनों और समपार के लगाये गये बोर्ड जंग खाकर स्मृतियों को खो रहे हैं. परियोजना का कार्य राजनीतिज्ञों के उदासीनता और इच्छाशक्ति के कमी से पूरे नहीं हो सके हैं. रेल सुविधाओं के अभाव में तीन जिले के सुदूर गांवों की आबादी सड़क सुविधाओं पर आश्रित है. जिससे यह क्षेत्र सर्वांगीण विकास से पिछड़ा हुआ है. जनमानस की उम्मीदें टिमटिमाते दिये की तरह अभी भी कायम बनी हुई है. इलाके के लोगों का मानना है कि कभी न कभी उनका रेल गाड़ी पर सवारी का सपना जरूर पूरा होगा. गांवों के आसपास रेल पटरियों पर गाडि़यां दौड़ेगी और सीटी बजायेगी. उस सुखद दिनों का बेसब्री से इंतजार है. जिसके लिए उसके सपनों को साकार करने के लिए कोई मसीहा जरूर बनेगा. परियोजना की रूपरेखाप्रस्तावित कुरसेला-बिहारीगंज रेल परियोजना निर्माण की अनुमानित लागत वर्ष 2009 में 192.56 करोड़ रखी गयी थी. परियोजना के 57 किलोमीटर लंबाई के बीच बिहारीगंज, मधदाहा, माधोनगर, सिरसा, कसमराह, दुर्गापुर, रूपौली, दसर टिकापट्टी व कुरसेला रेल स्टेशन शामिल था. रेल स्टेशनों के इन दूरी के बीच कुल 74 पुलों का निर्माण होना था. समपार फाटकों की संख्या 48 दर्शायी गयी थी. विकास को मिलता आयामइस रेल परियोजना के पूरा होने से विकास को पंख लगेंगे. दूरियां कम पड़ सहज हो जायेगी. कई जिलों के व्यावसायिक कारोबारों की साझेदारी और विस्तार हो सकेगा. सुरक्षा सुगमता के साथ सड़क सुविधाओं के साथ रेल सुविधाओं का लाभ मिलेगा. कस्बाई बाजार और क्षेत्र विकसित स्वरूप ले सकेंगे. बिहारीगंज और कुरसेला दो रेल स्टेशन जक्सन का श्रेणी प्राप्त करेगा. मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार के सुदूर क्षेत्र का रेल सुविधाओं से देश और राज्य के अन्य भागों से संपर्क की सुविधाएं होगी. व्यवसाय के विस्तार से क्षेत्र उत्थान और प्रगति की ओर अग्रसर होगी. सारे मंसूबे तभी पूरे होंगे. जब प्रतिनिधियों का इस ओर राजनीतिक के दलगत व अन्य भावनाओं से ऊपर जनहित के लिए सच्चे दिल से प्रयास होगा. तभी लाखों के एक बड़ी आबादी का रेल पर सवारी की आकांक्षाएं पूरी होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें