कटिहार : शहरी क्षेत्रों में इन दिनों नाबालिग जिनकी उम्र 18 वर्ष भी नहीं हुई है और उनकी बाइक हवा से बात करती है. जब बाइकर्स दो तीन मोटरसाइकिल के समूह में रहते है तो उनके बीच शहर में ही चेलेंज लगा बैठते है. जिस क्रम में उन लोगों के बीच आगे बढ़ने की होड़ लगी रहती है और इस दरम्यान एक बड़ी घटना घट जाती है.
इसका खामियाजा या तो स्थानीय पुलिस को उठाना पड़ता है या फिर दुर्घटना ग्रस्त बाइकर्स के परिजनों को. -13 नवंबर को सड़क हादसे में दो की गयी जानबीते 13 नवंबर को ललियाही निवासी संजय सिंह जो खुद पुलिस विभाग में कार्यरत है. उसके पुत्र की उम्र 18 वर्ष भी नहीं हुई थी. वह अपने ममेरे भाई जो सीबीएससी की परीक्षा देने पटना से कटिहार आया था.
ललियाही स्थित घर से मिरचाईबाड़ी एसबीआइ बैंक के एटीएम से रुपया निकालने गया. रुपया निकालकर घर की ओर लौट रहा था कि उसकी मोटरसाइकिल डिवाईडर से टकरा गयी. गाड़ी की गति इतनी तेज थी कि दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये. इसमें दोनों की मौत हो गयी.-उम्र 18 से कम, तेज चलाते हैं बाइकजिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों का भी यही हाल है.
शहरी क्षेत्र की बात की जाये तो सड़कों पर 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे के मोटरसाइकिल तो हवा में बात करती दिखती है. साथ ही सड़क पर बाइक की कटिंग तो कई लोगों को दिग्भ्रमित कर देती है, लेकिन उनपर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है.
इस बात को लेकर बच्चे के परिजन भी खामोश दिखते है. -दुर्घटना में मौत होने से हो सकती है सजा18 वर्ष से कम आयु के मोटरसाइकिल की टक्कर से अगर किसी की मौत हो जाती है तो उस चालक को न्यायालय के द्वारा सजा भी मुकर्रर किया जा सकता है.
स्कूल व कॉलेज में बाइक का परिचलन बढ़ा18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे की बाइक स्कूल व कोचिंग संस्थान के सामने फर्राटे मारते दिखती है. सात से 10 वर्ग के कई छात्र स्कूल अपने मोटरसाइकिल से ही जाते है.
जिला प्रशासन नहीं करती कार्रवाईनाबालिग के द्वारा सड़कों पर मोटरसाइकिल फर्राटे मामले में जिला प्रशासन का भी कुछ खास रोल नही दिखता है. संभवत: पुलिस प्रशासन अगर कुछ सख्त रवैया दिखाये तो इस प्रकार की घटना पर अंकुश लग सकता है.