कटिहार : चुनावी महापर्व को लेकर दूसरा त्योहार फीका पड़ गया है. दुर्गापूजा की रौनक कटिहार के बाजार में एक माह के पूर्व से ही दिखती थी.
वहां अब पूजा शुरू होने वाली है और बजारों में चहल पहल नहीं दिख रही है. दुकानों में लोगों को खड़े रहने की जगह नहीं रहती थी वहीं दुकानें खाली है. दुकानदार बिक्री नहीं होने का रोना रो रहे हैं.
इसके लिए होने वाले विस चुनाव को जिम्मेवार मान रहे हैं. व्यावसायियों का कहना है कि विस चुनाव गलत समय पर कराया जा रहा है. ऐसे समय में चुनाव हो रहा है जब लोग त्योहार पर खरीदारी करते हैं. लेकिन चुनाव में रुपये ले जाने आदि के झमेले से बचने के लिए भी लोग अपने घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं.
जिसका सिधा असर बाजार पर पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में खरीदारी के लिए पहुंचते थे कटिहार में दुर्गापूजा काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. दर्जन भर से अधिक बड़े पूजा पंडाल का निर्माण होता है. जिस पर लाखों रुपये पूजा समिति की ओर से खर्च किया जाता है. बंगाली कल्चर का भी कटिहार में असर है.
जिसके कारण यहां दुर्गापूजा का महत्व अन्य दूसरे जिलों से कुछ अलग हटकर है. वैसे भी कटिहार बाजार को व्यवसायिक दृष्टिकोण से कपड़ा व्यवसायी का हब माना जाता है. जिस कारण कटिहार में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज सहित अन्य जिलों के भी लोग खरीददारी करने पहुंचते थे.
लेकिन चुनाव को लेकर बाजार में काफी प्रभाव पड़ा अन्य जिलों की बात तो दूर यहां आवागमन व वाहन चेकिंग के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी शहर आने से कतरा रहे हैं. बाजार खुलने का असर रेलवे बोनसव्यवसायियों में संतोष गुप्ता, टिंकू,अनुप, संजय सहित अन्य व्यवसायियों ने कहा कि अब बाजार रेलवे बोनस पर ही टिका है. अन्यथा इस वर्ष तो महापर्व को लेकर दुर्गापूजा से लेकर दीपावली तक सभी इस महापर्व के भेंट चढ गये. व्यवसायी वर्ग के लोगों ने कहा कि अबतक बाजार में हर तरफ रौनक ही रहती लेकिन चुनाव को लेकर बाजार में भी सन्नाटा पसरा रहता है.