वहीं केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ संसद से सड़क तक संघर्ष करने की घोषणा भी की. सांसद ने कहा कि कार्यकर्ता किसी भी राजनीतिक दल की रीढ़ होते हैं. उन्होंने कहा कि अब केंद्र व राज्य में यूपीए की सरकार नहीं है. इस बदली हुई परिस्थिति में जितना विकास हो सकता है, वह हर हाल में करेंगे. उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान व भूकंप से लोग प्रभावित हुए हैं. किसानों की स्थिति सर्वाधिक खराब है. किसानों के हक व हुकूक के लिए पार्टी कार्यकर्ता संघर्ष शुरू करेंगे. किसान कर्ज में डूबे हुए हैं. आत्महत्या कर रहे हैं. राकांपा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन करेगी.
श्री अनवर ने कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि चुनाव से राजनीतिक दल का वजूद कायम होता है. वहीं पार्टी महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूंजीपतियों का कर्ज उतारने के लिए भूमि अधिग्रहण बिल के जरिये किसानों की जमीन छीनने की जिद पर अड़े हुए हैं. पूरा विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. हम संसद से सड़क तक इसका विरोध करेंगे. सम्मेलन को पूर्व मंत्री नवल किशोर शाही, हिमराज सिंह, पूर्व विधायक शकूर, सत्य नारायण प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल, पूर्व जिप अध्यक्ष इशरत परवीन, प्रो पारसनाथ केशरी, जफर सिद्दकी, सुकुमार सिंह झा, संजय सिंह, फिरोज अहमद कुरैशी, शहनबाज खान, प्रह्वाद गुप्ता, एजाज हुसैन, पूर्व जिप अध्यक्ष जाकिर हुसैन, मंजू देवी, फूलमनी हेंब्रम, गीता, उदय सम्राट आदि वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने भी संबोधित किया.