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बीस साल बाद भी शुरू नहीं हुआ खाद्य संग्रह भंडार का निर्माण
कटिहार: शहर के भौराबाड़ी स्थित एफसीआइ के लिए खाद्य संग्रह भंडारागार का शिलान्यास तो कर दिया गया है, लेकिन 20 साल गुजर जाने के बावजूद इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इससे एफसीआइ डिपो में क्षमता से अधिक माल आने पर उन अनाजों को बरामदे में रखा जाता है. अगर इस दौरान बारिश […]
कटिहार: शहर के भौराबाड़ी स्थित एफसीआइ के लिए खाद्य संग्रह भंडारागार का शिलान्यास तो कर दिया गया है, लेकिन 20 साल गुजर जाने के बावजूद इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इससे एफसीआइ डिपो में क्षमता से अधिक माल आने पर उन अनाजों को बरामदे में रखा जाता है. अगर इस दौरान बारिश हो गयी, तो वह अनाज भी सड़ जाता है. इससे सरकार को क्षति के साथ-साथ गरीबों के निवाले पर भी लाले पड़ जाते हैं.
कब हुआ था शिलान्यास
19 सितंबर 1996 को भारत सरकार के नागरिक खाद्य आपूर्ति उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण के मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने खाद्य संग्रह भंडारागार का शिलान्यास किया था लेकिन 20 वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. उक्त स्थल अब अतिक्रमण का भी शिकार हो रहा है. लोग खाली जगहों पर गाय, भैंस बांध रहे हैं. वहीं दीवार तोड़ कर लोग रास्ते के लिए इस जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्या क्षमता है भंडारागार का
भौड़ाबाड़ी स्थित इस भंडारगार के निर्माण होने से यह उच्च क्षमता का एफसीआइ भंडारागार पूरे बिहार में नंबर एक पर रहता. वर्तमान में खाद्य संग्रह भंडारागार मुजफ्फरपुर बिहार में एक नंबर पर है. इस भंडारगार के निर्माण होने से 50 हजार मीट्रिक टन अनाज यहां पर रखा जा सकता था. वर्तमान में एफसीआइ डिपो में 10 हजार 840 मीट्रिक टन की ही क्षमता है. यदि क्षमता से बाहर अनाज आ जाता है तो उसको बरामदे में रखा जाता है.
कहते हैं डिपो इंचार्ज
एफसीआइ डिपो इंचार्ज एके ठाकुर ने बताया कि शिलान्यास के बाद सरकार गिर जाने से यह कार्य अधर में लटक गया. वहीं केंद्र की योजना होने के कारण फंड उपलब्ध नहीं होने से भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि पिछले दिनों केंद्र की टीम के द्वारा सर्वे का कार्य कराया गया है.
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