कटिहारः एक ओर समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नित्य नये-नये कानून बन रहे हैं. भारतीय दंड विधान की धारा 376 में नई-नई उप धाराएं जोड़ी जा रही है. महिलाओं के साथ छेड़छाड.को लेकर भादवि की धारा 354 को अजमानतीय बना दिया गया है. महिलाओं को घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए अधिनियम बनाया गया है. वहीं जिले के भरी पंचायत में मुखिया के फरमान पर प्रेमी युगल को बंधक बना कर मारपीट व सिर मुंडवा कर मुंह पर कालिख पोतने की घटना को लेकर चारों ओर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है.
कहते हैं लोग
वरीय अधिवक्ता सह अपर लोक अभियोजक मीना शर्मा ने घटना की तीव्र निंदा करते हुए कहा कि बड़े शर्म की बात है कि दर्जनों लोगों की उपस्थिति में मुखिया शमशेर ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया. युवा महिला अधिवक्ता साधना सिंह का कहना था कि समाज के ऐसे ठेकेदारों को भी ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि भविष्य में किसी व्यक्ति या प्रधान के द्वारा ऐसी हिम्मत नहीं जुटायी जा सके. उनका कहना था कि इस घटना ने सिद्ध कर दिया है कि आधुनिकता कि दौर में अभी भी हम रूढ़िवादी समाज में जी रहे हैं.
ऑफिसर्स कॉलोनी निवासी अधिवक्ता मानसी घोष का कहना था कि मुखिया ने मौलिक अधिकार का हनन किया है. मिरचाईबाड़ी निवासी अधिवक्ता प्रियंका कुमारी का कहना है कि स्वतंत्र भारत में लोगों को जीने की आजादी को छीनने का कार्य मुखिया तथा पंचायत में उपस्थित लोगों के द्वारा किया गया, जो काफी निंदनीय है. अपर लोक अभियोजक सह अधिवक्ता रेखा कुमारी का कहना है कि यदि मुखिया तथा घटना के समय वहां उपस्थित लोगों के बच्चों के साथ ऐसी घटना घटित होती तो क्या उनके द्वारा विरोध नहीं किया जाता.
मिरचाईबाड़ी निवासी अधिवक्ता रीना कुमारी का कहना था कि बड़े शर्म की बात है कि दर्जनों लोगों की उपस्थिति के बाद भी किसी ने भी आवाज नहीं उठायी और ऐसे लोग अपने ऊपर घटना घट जाने पर लचर कानून व्यवस्था को दोष देकर पार उतर जाते हैं. भगवान चौक निवासी अधिवक्ता सोनी कुमारी का कहना था कि प्रेमी जोड़े वयस्क रहने तथा माता-पिता के सहमति के बाद भी मुखिया ने पंचायती में फैसला देकर कानून अपने हाथ में लेकर पुलिस प्रशासन को चुनौती दी है. हफलागंज निवासी नवीन कुमार सिन्हा का कहना था कि र्भी के मुखिया ने तुगलकी फरमान जारी कर लोगों में यह संदेश दिया है कि उन्हें जीने की आजादी नहीं है. अमदाबाद निवासी सूर्यकांत यादव ने कहा कि र्भी के मुखिया तथा पंचायत में उपस्थित लोगों की पहचान कर कानूनी रूप से सजा मिलनी चाहिए. ऑफिसर्स कॉलोनी निवासी राज कुमार सिन्हा ने कहा कि मुखिया ने अपने अधिकार से बाहर जाकर ऐसी पंचायत बुलायी जहां सब कुछ अवैध था. हफलागंज निवासी दिनेश प्रसाद ने कहा कि हमें समाज में जीने की आजादी है. यदि उनके माता पिता की सहमति थी तो ऐसी पंचायतें नहीं बुलायी जानी चाहिए थी.