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जल संकट झेल रहे कैमूर में प्रशासन ने मत्स्य विभाग से एनओसी लिये बगैर पोखर भर कर बना दिया थाना व स्कूल

बिहार सरकार जल-जीवन हरियाली योजना और अमृत सरोवर के तहत जल संचय के लिए तालाब व पोखरों को अतिक्रमणमुक्त करा उनका जीर्णोद्धार करा रही है. दूसरी तरफ, मोहनिया अनुमंडल के कुदरा स्थित जहानाबाद मौजा के एक पोखर व दो गड़ही पर प्रशासन ने ही निर्माण करा दिया है.

मोहनिया. बिहार सरकार जल-जीवन हरियाली योजना और अमृत सरोवर के तहत जल संचय के लिए तालाब व पोखरों को अतिक्रमणमुक्त करा उनका जीर्णोद्धार करा रही है. दूसरी तरफ, मोहनिया अनुमंडल के कुदरा स्थित जहानाबाद मौजा के एक पोखर व दो गड़ही पर प्रशासन ने ही निर्माण करा दिया है. पोखर और गड़ही पर बाजाप्ता कुदरा थाना भवन, स्कूल और एक सामुदायिक भवन भी हैं.

पोखर की बगल में पुराना थाना भवन था

आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि जिस पोखर और गड़ही पर स्कूल, थाना और सामुदायिक भवन बन चुके हैं, उनका मत्स्य विभाग हर साल पट्टा भी दे रहा है. करीब 13 साल से यहां धीरे-धीरे निर्माण का काम शुरू हुआ. पहले तो आसपास के लोगों ने थोड़ा अतिक्रमण किया. फिर प्रशासन ने ही निर्माण करा लिया. पोखर की बगल में पुराना थाना भवन था. तब तक पोखर साबूत था. जब नया भवन बना तो पोखर का दायरा सिमटता गया.

पोखर का पट्टा 2019 तक मछली पालक के नाम 

जहानाबाद गड़ही, जिसका खाता संख्या 809, प्लॉट 2607, रकबा 20 डिसमिल और खाता 809, प्लॉट 1586, रकबा 95 डिसमिल पर थाना और सामुदायिक भवन है. जहानाबाद पोखर, जिसका खाता 809, प्लॉट 926 व रकबा एक एकड़ 10 डिसमिल के अधिकतर हिस्से पर स्कूल बन चुका है. उक्त पोखर व गड़ही का पट्टा 2019 तक मछली पालक प्रदीप कुमार के नाम था. इस बार भी इस तालाब की बंदोबस्ती तीन वर्षों के लिए की जा चुकी है.

एनओसी लिये बगैर निर्माण 

प्रशासन ने मत्स्य विभाग से एनओसी लिये बगैर ही यहां सरकारी भवनों का निर्माण करा दिया है. इस पोखर से प्रत्येक वर्ष पांच क्विंटल मछली उत्पादन दर्ज है. मछली पालक बताते हैं कि अतिक्रमण की वजह से इसमें मछली पालन नहीं हो पाता है. जबकि, सालाना हजारों रुपये इसका राजस्व सरकार को दिया जाता है. आज भी यह गड़ही व पोखर मछली पालन के लिए रजिस्टर्ड है.

65 फीसदी तालाबों पर अतक्रिमण : जिला मंत्र

मत्स्यजीवी सहयोग समिति के जिला मंत्री मुन्ना चौधरी का कहना है कि जिले के 65 फीसदी तालाबों पर अतिक्रमण है. इसमें मोहनिया प्रखंड में 28 तालाबों का अस्तित्व ही मिट गया है. कुदरा के जहानाबाद पोखर पर विभाग से बिना एनओसी लिये ही थाना का निर्माण भी करा दिया गया है. तालाब व पोखरों को अतिक्रमण से बचाने के लिए पूर्व में कई बार डीएम व जिला मत्स्य पदाधिकारी को लिखित दिया गया. लेकिन, कोई खास कार्रवाई नहीं की गयी.

क्या कहते हैं अधिकारी

मत्स्य विभाग के तालाब पर बहुत पहले ही बिना एनओसी लिये कुदरा थाने का निर्माण कर दिया गया है, जो गलत है. हम इस मामले में डीएम साहब को पत्र ही लिख सकते हैं.

– शिवशंकर चौधरी, जिला मत्स्य पदाधिकारी

सरकारी तालाब पर बहुत पहले ही विद्यालय का निर्माण कराया गया है. इसकी जानकारी हमें नहीं है. उस समय जिन लोगों ने निर्माण कराया, उन्हें यह सोचना चाहिए था कि जलकर पर विद्यालय का निर्माण नहीं कराना चाहिए था. कैमूर जिले की स्थापना से पहले से ही कुदरा थाना का भवन वहां अवस्थित था. वह तालाब या पोखर पर बना हुआ है, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है.

– राकेश कुमार, पुलिस अधीक्षक

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