बिजली विभाग के कार्यालय के सामने वाहन स्टैंड होने से आने-जाने में होती है दिक्कत
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अतिक्रमण हटाने में रुचि नहीं ले रहे अफसर
बिजली विभाग के कार्यालय के सामने वाहन स्टैंड होने से आने-जाने में होती है दिक्कत भभुआ शहर : शहर में अतिक्रमण का आलम यह है कि सरकारी जमीन से लेकर सरकारी कार्यालय तक अतिक्रमण की चपेट में है. बिजली विभाग के जर्जर भवन से नये भवन में आ जाने से जहां उपभोक्ताओं से लेकर अधिकारी […]
भभुआ शहर : शहर में अतिक्रमण का आलम यह है कि सरकारी जमीन से लेकर सरकारी कार्यालय तक अतिक्रमण की चपेट में है. बिजली विभाग के जर्जर भवन से नये भवन में आ जाने से जहां उपभोक्ताओं से लेकर अधिकारी तक को खुशी मिली हैं वहीं बिजली विभाग के नये भवन के सामने अवैध वाहन स्टैंड बन जाने से जहां कार्यालय की खूबसूरती पर बट्टा लग रहा है वहीं लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है. विभागीय अधिकारी इस अवैध वाहन स्टैंड को लेकर जिले के वरीय अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों को भी पत्राचार किया है, लेकिन मामला जस का तस है. गौरतलब है कि शहर का कोई चौक चौराहा ऐसा नहीं है,
जहां अतिक्रमण की समस्या न हो. शहर की मुख्य सडकों पर प्रशासन की गाड़ियां हर समय दौड़ती नजर आती हैं, लेकिन सभी अधिकारी अतिक्रमण और जाम को लेकर अनजान बने रहते हैं. शहर की बिजली कॉलोनी, वन विभाग, जयप्रकाश चौक, पटेल चौक, एकता चौक, सब्जी मंडी सहित शहर की अन्य जगहों पर भी अतिक्रमण की वजह से जाम लगता है.
अवैध वाहन स्टैंड से होती है परेशानी: बिजली विभाग के नये भवन के सामने अवैध वाहन स्टैंड बन जाने से जाम की समस्या बनी रहती है. कार्यालय आने-जाने भी परेशानी होती है. विभाग के लोगों ने बताया कि आम उपभोक्ता तो दूर कार्यालय कर्मियों को सुबह कार्यालय अपनी गाड़ी से आने में परेशानी हो रही है. कार्यालय के मुख्य गेट पर अवैध गाड़ियां खड़ी रहती हैं. इसके चलते सड़क पर जाम की स्थिति बन जाती है.
सड़क पर गाड़ियां लगा देने से लगता है जाम, लोग परेशान
क्या कहते हैं
अधिकारी
कार्यालय के सामने बने अवैध स्टैंड को हटाने की दिशा में अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र दिया गया था, जिस पर नगर पर्षद के अनुमंडल पदाधिकारी को पत्राचार करने की बात कही गयी. नगर परिषद को विभाग से पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
सत्येंद्र कुमार, कार्यपालक अभियंता, बिजली विभाग
पत्राचार के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
विभागीय सूत्रों की माने, तो बिजली विभाग ने अनुमंडल पदाधिकारी को अतिक्रमण हटाने को लेकर पत्राचार किया है. अवैध वाहन स्टैंड होने से कार्यालय कर्मियों व उपभोक्ताओं को होनेवाली परेशानी से भी अवगत कराया है, लेकिन अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा मामला नगर परिषद का बता कर पल्ला झाड़ लिया गया है. नगर पर्षद को पत्राचार करने के बाद भी अतिक्रमण का कोई हल नहीं निकल पाया. अब सवाल यह उठता है कि जब सरकारी कार्यालयों की यह स्थिति है और वरीय अधिकारी दूसरे विभाग की समस्याओं को ही नजर अंदाज करते हैं, तो आम लोगों की समस्या का क्या होगा. आम लोग इन अधिकारियों के भरोसे कैसे महफूज रह पायेंगे.
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