38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहर के 90 प्रतिशत होटलों में आग से बचाव के समुचित उपाय नहीं

भभुआ शहर में भी कई ऐसे होटल, माॅल व कार्यालय हैं, जो सुरक्षित नहीं हैं. यहां आग लग जाने जैसी अनहोनी होने पर इन स्थानों तक दमकल वाहन को पहुंचाने व आग पर काबू पाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

भभुआ सदर. पटना के पाल होटल में लगी भीषण आग में कैमूर निवासी दिनेश सिंह सहित आठ लोगों की मौत हो गयी. अपने भभुआ शहर में भी कई ऐसे होटल, माॅल व कार्यालय हैं, जो सुरक्षित नहीं हैं. यहां आग लग जाने जैसी अनहोनी होने पर इन स्थानों तक दमकल वाहन को पहुंचाने व आग पर काबू पाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. पटना के पाल होटल में हुए हादसे के बाद शुक्रवार को प्रभात खबर की टीम ने शहर के होटलों, मैरिज लॉन, माॅल आदि में आग से सुरक्षा के इंतजाम देखने निकली. इस दौरान बेहद चौंकाने वाली बात सामने आयी कि शहर में 90 प्रतिशत होटल ऐसे हैं, जिनमें फायर फाइटिंग के भी समुचित उपाय नहीं किये गये हैं और यहां अग्निशमन विभाग के निर्देशों का भी अनुपालन नहीं किया जाता है. इसके अलावा ज्यादातर होटलों में आपातकालीन निकासी की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. इसलिए अगर पटना में गुरुवार को हुए हादसे से सबक नहीं लिया गया, तो यहां भी बड़े हादसे होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. गौरतलब है कि वर्ष 2020 में सात फरवरी को प्रखंड कार्यालय के सामने स्थित कुबेर होटल व रेस्टोरेंट में गैस लीक होने की वजह से आग लग गयी थी. इसमें किचन में लगी आग को बुझाने में होटल के मैनेजर नीरज सिंह, वेटर नंदु राम और रसोईया कांता प्रसाद भी बुरी तरह से झुलस गये थे. हालांकि, फायर स्टिंग्सर लगे होने के कारण आग पर समय रहते काबू पा लिया गया था. जहां अगर आग विकराल रूप ले लेती, तो होटल और उसके आसपास स्थित कई बैंकों, दुकानों आदि को काफी नुकसान पहुंचता. = शहर में एक दर्जन से ज्यादा होटल और लॉज भभुआ शहर में सभी छोटे-बड़े मिलाकर कुल एक दर्जन से ज्यादा होटल, लॉज व वैवाहिक लॉन हैं. लेकिन अधिकतर होटलों व लॉन में आग से बचाव की कोई बेहतर सुविधा नहीं है. कई तो ऐसे जगहों पर है कि जहां दमकल पहुंचने लायक जगह नहीं है. अब ऐसे होटल, लॉन सहित लॉज में आग से बचाव के लिए लगाये गये यंत्र भी मात्र दिखावे भर के लिए हैं. क्योंकि, ना तो समय पर उनकी जांच होती है और ना ही पोर्टेबल अग्निशमन यंत्र की समय से रिफिलिंग ही करायी जाती है. = होटल व लॉज के लिए ये मानक है बेहद जरूरी— – होटल में कम से कम दो सीढ़ियां हो – कम से कम एक आपातकालीन रास्ता हो -होटल के परिसर में फायर हाईड्रेंट जरूरी – समय-समय पर अग्निशामक यंत्र की जांच जरूरी – होटल तक दमकल पहुंचने का रास्ता हो = आग लगने पर इन बातों का रखना होगा विशेष ध्यान— – यदि आप के आसपास अग्निशामक यंत्र है और आप उसे चलाना जानते हैं, तो उसे सक्रिय करें – अग्निशमन दल को बुलाने के लिए 101 या 112 नंबर डायल करें – किसी बड़ी बिल्डिंग या आफिस में आग में फंसे हों तो तत्काल ही फायर अलार्म सक्रिय करें. हमेशा आग बुझाने वाला यंत्र बचाव कंबल तैयार रखें -घर में बेवजह की रद्दी व कचरा न रखें – लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का ही उपयोग करें -धुएं में घिरने पर जमीन पर बैठ जाएं या फिर लेट जाएं, इससे धुएं का असर आप पर कम होगा -आग लगने पर तुरंत बिजली का मेन स्विच बंद कर दें -एसी, फ्रिज, कंप्यूटर, टीवी के लिए पावर स्विच लगवाएं -कमरे में धुंआ भरने से पहले खिड़की खोल दें

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें