कैमूर की एसपी ने एसडीएम के आरोपों पर िकया पलटवार
भभुआ (कार्यालय) : कैमूर की एसपी हरप्रीत कौर ने गिरफ्तार मोहनिया के एसडीएम डॉ जितेंद्र गुप्ता के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि उन्हें एसपी ने साजिश कर फंसाया है. साथ ही एसपी श्रीमती कौर ने पलटवार करते हुए कहा कि एसडीएम श्री गुप्ता ने अपने छह माह के कार्यकाल में ओवरलोडिंग या भ्रष्टाचार के किसी दूसरे मामले में कभी भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने ट्रकचालक से घूस लेने आरोप में गिरफ्तार एसडीएम के साथ किसी विवाद
एसडीएम ने कभी ठोस कार्रवाई…
से भी इनकार किया. मालूम हो कि एसडीएम श्री गुप्ता ने अपनी जमानत अर्जी में एसपी हरप्रीत कौर पर साजिश कर फंसाने का आरोप लगाया है.
शुक्रवार को प्रभात खबर से बातचीत में एसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि निगरानी ने एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की है. निगरानी एक स्वतंत्र एजेंसी है, जो एसपी के अधीन नहीं है. ऐसे में उन्हें फंसाये जाने का आरोप पूरी तरह निराधार है. इतना ही नहीं, इस मामले में एसपी ने एसडीएम की पत्नी से फोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए यह भी कहा कि मीडिया में श्री गुप्ता के हवाले से उन्हें फंसाये जाने के बाबत मेरे (एसपी के) खिलाफ आरोपों की जो बात आयी है,
वह सही नहीं है. एसडीएम की पत्नी ने कहा है कि ऐसा कोई आरोप उनलोगों (एसडीएम या उनके परिजनों) ने नहीं लगाया है. मीडिया में ये बातें कहां से आयी हैं, इसकी जानकारी उनलोगों को नहीं है. एसपी ने यह भी दावा किया है कि श्री गुप्ता की पत्नी से हुई बातचीत की रेकॉर्डिंग मेरे पास उपलब्ध है.
श्रीमती कौर ने ओवरलोडिंग पर कार्रवाई के लिए पुलिस के पास अधिकार होने व नहीं होने को लेकर कहा कि इसकी पुष्टि के लिए मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक का संयुक्त आदेश ही काफी है, जिसमें कहा गया है कि ओवरलोडिंग के लिए डीएम व एसपी संयुक्त रूप से जिम्मेवार होंगे. इसके अतिरिक्त परिवहन विभाग, खनन विभाग के सचिव ने भी डीएम और एसपी को पत्र लिख कर ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है.
इसके आलोक में ही डीएम व एसपी के संयुक्त निर्देश पर ही यहां अभियान चलाया जाता रहा है. एसपी ने कहा कि मैंने अनेक बार ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान से पहले मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के लिए डीएम को पत्र लिखा है. बगैर मजिस्ट्रेट ओवरलोडिंग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश एसडीएम के कहने से पहले ही सभी थानाध्यक्षों को दिया जा चुका है. यह भी कि मेरे 10 महीने के कार्यकाल में ओवरलोडिंग पर ठोस व सख्त कार्रवाई की गयी है.
यही नहीं, जब कभी भी पुलिस के खिलाफ गड़बड़ी की शिकायत मिली है, तो प्राथमिकी, निलंबन, बरखास्तगी से लेकर गिरफ्तारी तक की कार्रवाई हुई है. दूसरी तरफ एसडीएम मोहनिया ने ओवरलोडिंग हो या भ्रष्टाचार के दूसरे मामले, छह महीने के अपने कार्यकाल में कोई ठोस कार्रवाई कभी भी नहीं की है. एसपी ने यह भी कहा कि घूसखोरी में पकड़े गये मोहनिया एसडीएम से उनका पहले से कोई विवाद नहीं रहा है. ऐसे में उन्हें फंसाये जाने का कोई भी आरोप समझ से परे है.
वहीं, कैमूर के डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि ओवरलोडिंग के खिलाफ जितने भी अभियान चलाये गये हैं, वे मेरे व एसपी के संयुक्त आदेश से चले हैं. पुलिस की ओर से अकेले कोई भी अभियान नहीं चलाया गया है. एसडीएम व एसपी के बीच किसी भी तरह के विवाद की मुझे न तो कोई जानकारी है और न ही मुझे इस बाबत कभी कोई लिखित या मौखिक शिकायत मिली है. ऐसी शिकायत न एसडीएम ने कभी की और न ही एसपी ने.
गिरफ्तार संजय पांडेय सरकारी ड्राइवर
घूस के रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किये गये ड्राइवर संजय पांडेय मोहनिया के डीसीएलआर के लिए कांट्रैक्ट पर काम कर रहा था. निगरानी की कार्रवाई के दौरान पकड़े गये एसडीएम डॉ जितेंद्र गुप्ता ही डीसीएलआर के भी जार्ज में थे, इसलिए संजय पांडेय भी तब इनके साथ ही था.
कोर्ट ने िनगरानी से
मांगी केस डायरी
पटना. आइएएस अधिकारी व मोहनिया के एसडीएम डॉ जितेंद्र गुप्ता के मामले में विशेष अदालत ने निगरानी से केस डायरी व साक्ष्य पत्र तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी. शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता जनार्दन राय ने कोर्ट से निवेदन किया कि उनके मुवक्किल को साजिश के तहत फंसाया गया Âबाकी पेज 15 पर
कोर्ट ने िनगरानी से मांगी…
है. अावेदक बिल्कुल निर्दोष हैं. इन पर तीन-चार ट्रकों से वसूली का आरोप है, लेकिन निगरानी ने जो कागज तैयार किया है, उसमें सिर्फ एक ट्रक व उसके ड्राइवर का जिक्र है. आरोप के संबंध में निगरानी द्वारा किये गये सत्यापन प्रतिवेदन में आरोपित द्वारा कोई डिमांड की बात नहीं की गयी है.
बचाव पक्ष ने अपने आवेदन में कहा है कि आरोपित को कैमूर की एसपी हरप्रीत कौर ने एक साजिश के तहत ट्रक ड्राइवरों के साथ षड्यंत्र करके फंसाया है. फंसाने का कारण यह था कि आरोपित ने एक पत्र के जरिये यह निर्देश दिया था कि ट्रकों की जांच व तलाशी लेने का अधिकार पुलिस को नहीं है.
उसी पत्र के आलोक में एसपी ने दुर्भावना से प्रेरित होकर इनको फंसाने का काम किया. आंशिक बहस सुनने के बाद निगरानी के विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार सिन्हा ने कोर्ट से निवेदन किया कि इसमें साक्ष्यों की जरूरत पड़ेगी. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद साक्ष्य पत्र व अद्यतन केस डायरी की मांग की. मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की गयी है. वहीं, दूसरी ओर जब्त किये गये चार ट्रकों को रिलीज के लिए भी ट्रक मालिकों ने आवेदन किया. इस मामले में अदालत ने निगरानी थाने से रिपोर्ट की मांग की है.
गिरफ्तारी की तिथि से होगा निलंबन
पटना. मोहनिया के एसडीओ डॉ जितेंद्र गुप्ता का निलंबन तय है. सिर्फ कोर्ट में जमानत की अर्जी पर सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है. सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार श्री गुप्ता को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार करने संबंधी कैमूर एसपी का पत्र गृह विभाग को गुरुवार को ही मिल चुका है. वहीं, श्री गुप्ता की न्यायिक हिरासत की अवधि भी 48 घंटे से Âबाकी पेज 15 पर
िगरफ्तारी की तिथि से….
अधिक हो चुकी है. गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत के बाद किसी सरकार कर्मचारी और अधिकारी को निलंबन से बचाया नहीं जा सकता है. ऐसे में इनका निलंबन तय है.
अधिकारी ने बताया कि श्री गुप्ता को गिरफ्तारी की तिथि से ही निलंबित किया जायेगा. उन्हें अब अपनी लड़ाई जहां निगरानी कोर्ट में लड़नी पड़ेगी, वहीं विभागीय कार्रवाई का भी सामना करना होगा. सामान्य प्रशासन विभाग न्यायिक हिरासत से उनके कबाहर आने के बाद विभागीय कार्रवाई शुरू कर देगा.