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मास्टर साहेब ना आवेनी, हमनी के सूअर चरावेनी जा
अधौरा प्रखंड की सड़की पंचायत के न्यू प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने नहीं देखा है शिक्षकों का चेहरा सिर्फ तिरंगा फहराने के लिए आते हैं गुरुजी स्कूल नहीं जाते बच्चे सूअर चराने को विवश अधौरा (कैमूर) : अधौरा प्रखंड की सड़की पंचायत के न्यू प्राथमिक विद्यालय, पड़वनिया के छात्र बलिराम ने आज तक अपने गुरुजी […]
अधौरा प्रखंड की सड़की पंचायत के न्यू प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने नहीं देखा है शिक्षकों का चेहरा
सिर्फ तिरंगा फहराने के लिए आते हैं गुरुजी
स्कूल नहीं जाते बच्चे सूअर चराने को विवश
अधौरा (कैमूर) : अधौरा प्रखंड की सड़की पंचायत के न्यू प्राथमिक विद्यालय, पड़वनिया के छात्र बलिराम ने आज तक अपने गुरुजी का चेहरा तक नहीं देखा. बलिराम के अलावा कई ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने आज तक इस स्कूल में शिक्षकों का चेहरा नहीं देखा.
ये सब तो ठीक है. सबसे गौर करनेवाली बात यह है कि स्कूल में तीन साल से कक्षाएं भी नहीं चलीं. दरअसल यह क्षेत्र आदिवासी व हरिजन बाहुल है. इसी स्कूल में आसपास के बच्चे पठन-पाठन करते हैं. अब स्कूल नहीं चलने से ये बच्चे अपने माता-पिता के कामकाज में उनका हाथ बटाते हैं.
गौरतलब है कि उक्त विद्यालय में दो शिक्षक हैं प्रधानाध्यापक विजय कुमार सुमन व सहायक शिक्षिका सुजाता कुमारी. इन दोनों को आज तक इस विद्यालय में नामांकित छात्रों ने नहीं देखा है.
पता चला है कि प्रधानाध्यापक सिर्फ झंडातोलन के लिए स्कूल जाते हैं. झंडातोलन के बाद वह तुरंत घर आ जाते हैं. इस विद्यालय की सचिव स्मृति देवी से बताया कि प्रधानाध्यापक ने उनसे कई कागज पर हस्ताक्षर करा लिये हैं. वहीं रसोइया ललती कुंवर ने बताया कि यहां दो रसोइया हैं, लेकिन रुपये नहीं मिलते है और न ही मध्याह्न भोजन भी नहीं बनता है.
जब गुरुजी ही नहीं हैं, तो मध्याह्न भोजन कैसे बनेगा. छात्र विजय कुमार तुरिया, बलिराम तुरिया, अमरजीत तुरिया व संतोष कुमार ने बताया कि ‘मास्टर साहेब ना आवेनी त हमनी के सूअर चरावेनी जा. वहीं ग्रामीण राम सुभग सिंह खरवार, धनमंतर तुरिया ने बताया कि पैसे के अभाव में बच्चों को दूसरे जगह नहीं भेज सकते.
कई बार मुखिया से शिकायत की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. स्कूल में आज तक कोई अधिकारी जांच के लिए नहीं आया. केवल कागज के पन्ने पर स्कूल चलता है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी केशरी सुधीर सिंह से संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं हो सका.
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