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दस को फांसी, तीन को उम्रकैद

जहानाबाद : बहुचर्चित सेनारी नरसंहार मामले में कोर्ट ने 10 अभियुक्तों को फांसी और तीन को उम्रकैद की सजा सुनायी है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रंजीत कुमार सिंह के न्यायालय में मंगलवार को यह सजा सुनायी गयी. खचाखच भरे न्यायालय में अपर लोक अभियोजक विजेंद्र कुमार सिंह और बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता […]

जहानाबाद : बहुचर्चित सेनारी नरसंहार मामले में कोर्ट ने 10 अभियुक्तों को फांसी और तीन को उम्रकैद की सजा सुनायी है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रंजीत कुमार सिंह के न्यायालय में मंगलवार को यह सजा सुनायी गयी. खचाखच भरे न्यायालय में अपर लोक अभियोजक विजेंद्र कुमार सिंह और बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता किशोरी लाल सिंह व महेंद्र प्रसाद की दलीलें सुनी गयीं. इसके बाद दिन के करीब तीन बजे कोर्ट ने उक्त फैसला सुनाया.

भादवि की धारा 302/149,307/149, 27आर्म्स एक्ट एवं 3/4विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत फांसी और आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. साथ ही साथ एक-एक लाख रुपये अर्थदंड का भी कोर्ट ने आदेश दिया है. मालूम हो कि कि 17 साल पूर्व 18 मार्च, 1999 को हुए इस जघन्य हत्याकांड में 20 दिनों पूर्व 27 अक्तूबर को 15 आरोपितों को दोषी करार दिया गया था. 23 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था. नरसंहार में एमसीसी के उग्रवादियों ने गांव पर हमला कर गांव के 34 ग्रामीणों की गला रेत कर नृशंस हत्या कर दी थी. माओवादियों के हमले में सात ग्रामीण घायल भी हुए थे. बता दें कि दोषी करार देने के पूर्व से ही दो Âबाकी पेज 17 पर

दस को फांसी…
अभियुक्त फरार चल रहे हैं. इस मामले में न्यायालय ने दोनों फरार अभियुक्तों का बंधपत्र निरस्त करते हुए उन पर गैर जमानतीय वारंट जारी किया है. दोषी करार दिये गये फरार दोनों अभियुक्तों में गनौरी मांझी, खटांगी गांव का निवासी है, जबकि दूसरा व्यास यादव उर्फ नरेश यादव है. सेनारी नरसंहार के मामले में ही एक अन्य दोषी करार अभियुक्त दुखन राम कहार को 18 नवंबर को सजा सुनायी जायेगी.

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