जवान की संदिग्ध मौत
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हादसा . तीन दिन पूर्व पत्नी से विवाद के बाद हुई थी घटना
जवान की संदिग्ध मौत जहानाबाद : नगर थाना क्षेत्र के मदारपुर (उँटा) मोहल्ले के निवासी और बीएसएफ के जवान विपिन चौधरी उर्फ विजय चौधरी की हुई मौत का मामला संदिग्ध हो गया है. तीन दिनों पूर्व पारिवारिक विवाद के बाद फौजी की हुई मौत रविवार को तब संदिग्ध हो गया जब मृत जवान के पिता […]
जहानाबाद : नगर थाना क्षेत्र के मदारपुर (उँटा) मोहल्ले के निवासी और बीएसएफ के जवान विपिन चौधरी उर्फ विजय चौधरी की हुई मौत का मामला संदिग्ध हो गया है.
तीन दिनों पूर्व पारिवारिक विवाद के बाद फौजी की हुई मौत रविवार को तब संदिग्ध हो गया जब मृत जवान के पिता ने अपने पुत्र के साथ हुए हादसे के लिए उनकी पत्नी को ही जिम्मेवार ठहराते हुए पुलिस को इतिला की. नगर थाने में आवेदन देकर मृत जवान के पिता गंगा चौधरी ने इस मामले में समुचित कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध पुलिस से किया है.
बता दें कि नालंदा जिले के निश्चलगंज के मूल निवासी गंगा चौधरी के पुत्र विपिन चौधरी उर्फ विजय चौधरी उड़ीसा में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान थे. उनकी शादी मखदुमपुर निवासी मनोरमा देवी के साथ 1996 में हुई थी.
अपने पैतृक घर से अलग होकर फौजी ने 2012 में जहानाबाद शहर के मदारपुर (उँटा) मोहल्ले में जमीन लेकर मकान बनाया था और अपनी पत्नी एवं बच्चों के साथ रह रहे थे. हाल के दिनों में वे छुट्टी पर अपने घर मदारपुर आये हुए थे ,जिनकी मौत 28 जनवरी की रात हो गयी. इस मामले में नगर थाने में पत्नी मनोरमा देवी के बयान पर युडी केस दर्ज हुआ था.
पुलिस के अनुसार दर्ज बयान में फौजी की पत्नी ने कहा है कि 28 जनवरी की शाम शराब के नशे में उनके पति आये और घर में झगड़ा करने लगे. उन्हें (पत्नी ) एवं बच्चे के साथ मारपीट की ,जिससे भयभीत होकर वह अपने बच्चों के साथ पड़ोसी के घर में चली गयी थी. इसी रात फौजी की तबियत खराब हो गयी. वह चिल्लाने लगा जिसकी आवाज सुनकर आस-पास के लोगों ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया. डाॅक्टर ने गंभीर हालत को देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया था.
उस वक्त विषैली वस्तु खाने से तबियत बिगड़ने की बात कही गयी और अंतत: एंबुलेंस पर ले जाने के दौरान ही फौजी ने दम तोड़ दिया था. पुलिस के अनुसार मरने के पूर्व उनकी पत्नी भी अस्पताल में पहूंची थी. फौजी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था. उनका बिसरा सुरक्षित रख गया है. पोस्टमार्टम के बाद शव को उनकी पत्नी को सुपूर्द कर दिया था. तीन दिनों बाद अपने पुत्र की मौत हो जाने की सूचना पाकर गंगा चौधरी रविवार को मदारपुर स्थित अपने बेटे के घर में आये और फिर नगर थाने में आवेदन दिया.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे घर में अपनी पतोहु और पोते-पोती से घटना की जानकारी लेनी चाही तो पतोहु ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. बच्चों को भी उनसे अलग रख बातचीत नहीं करने दी गयी. तब वे थाने में पहूंचे. आवेदन में उन्होंने आशंका व्यक्त किया है कि उनके पुत्र की मौत के लिए उनकी पतोहु जिम्मेवार है.
इस मामले में दर्ज यूडी केस और फिर पिता के द्वारा दिये गये आवेदन के आलोक में नगर थाने की पुलिस मामले का तहकीकात कर रही है. साथ ही फौजी के सुरक्षित रखे गये बिसरा की जांच से पता चलेगा की जवान ने आत्महत्या की या यह मामला हत्या का है.
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