जहानाबाद : व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को उत्सव जैसा माहौल था. कोर्ट परिसर में काफी चहल-पहल थी. जिले के शहरी और ग्रामीण इलाके से भारी संख्या में लोग यहां जुटे थे. अवसर था राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन का.
बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय, आपराधिक मामले, दीवानी, दुर्घटना बीमा-दावा, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, मनरेगा, बिजली पानी बिल, एमवी एक्ट, बैंक से संबंधित सहित अन्य मामलों का सुलह-समझौते के आधार पर निबटारा किया गया.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रप्रकाश सिंह, प्रभारी डीएम रामस्वरूप प्रसाद(डीडीसी), एसपी आदित्य कुमार, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामश्रय शर्मा और सचिव शारदानंद सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सब जज प्रथम हरि प्रसाद ने की.
राष्ट्रीय लोक अदालत में 17 हजार 9 सौ 77 मामलों का निष्पादन हुआ. एक करोड़ 80 लाख 91 हजार 459 रुपये के मामलों का सेटेलमेंट लोक अदालत में हुआ.
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला जज चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह योग्य लंबित मामलों का निबटारा होता है जिससे वादों के पक्षकारों को समय और रुपये की तो बचत होती ही है, तनाव से भी मुक्ति मिलती है.
उन्होंने इस मौके पर लंबित मामलों का निबटारा कराने के लोगों को सुझाव दिये. प्रभारी डीएम और एसपी ने बिना किसी अहम के मामलों का निबटारा कराने का अनुरोध किया. संचालन कर रहे सब जज प्रथम हरि प्रसाद ने राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सुलह योग्य मामलों के निबटारे के लिए 14 बेंचों(पीठ) का गठन किया गया है. प्रत्येक बेंच पर एक न्यायिक पदाधिकारी और दो अधिवक्ता को रखा गया है. लोक अदालत के समापन के बाद उन्होंने जानकारी दी की कुल 17 हजार 9 सौ 77 मामलों का निबटारा किया गया और एक करोड़ 80 लाख 91 हजार 459 रुपए के मामलों का समझौता हुआ.