पटना. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जदयू शरद यादव की पार्टी है और इस पार्टी को किसी हाल में बर्बाद नहीं होने देंगे. ललन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल चुके उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पद को लेकर उनका दावा सही साबित हुआ है. पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह का बयान बताता है कि पार्टी में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद एक झुनझुना है. जदयू के पदाधिकारियों पर तीखा हमला बोलते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ये लोग पार्टी के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बैठक के बारे में कौन क्या बोल रहा है उसकी चिंता उपेंद्र कुशवाहा नहीं करता है. एक बड़े मकसद को लेकर बैठक बुलाई गयी है.
ललन सिंह के इस दावे पर कि उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं, उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश कार्यालय की तरफ से जो भी रिलीज और सर्कुलर जारी हुए हैं उसमें बार बार लिखा गया है कि उपेंद्र कुशवाहा पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि लिखित रूप में तो उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष माना जा रहा है, लेकिन मौखिक रूप से कहा जा रहा है कि अध्यक्ष नहीं हैं. हमने यही बात कही थी कि कागज में इन लोगों ने पद तो दे दिया, लेकिन झुनझुना थमा दिया. आज न देनेवाले को याद है न पानेवाले को पता है. ललन सिंह ने बयान देकर साबित कर दिया है कि मेरी बात सही थी. मुझे झुनझुना थमाया गया है.
कुशवाहा ने कहा है कि जदयू शरद यादव की पार्टी है. समता पार्टी का जदयू में विलय हुआ था. शरद यादव ने जदयू को बनाया था. आज शरद यादव जदयू में नहीं हैं. आज इस पार्टी के पदाधिकारी समता पार्टी के लोग हैं. ये लोग जदयू को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जदयू के लाखों कार्यकर्ता यह जानना चाहते हैं कि आखिर भविष्य में पार्टी के साथ क्या होने जा रहा है. इन लोगों का राजद के साथ जो डील हुआ है उसे कार्यकर्ताओं को बताना होगा. उन्होंने कहा कि जदयू किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों की पार्टी है. कोई एक व्यक्ति दावा करे कि जदयू उसकी पार्टी है, तो यह कहीं से भी सही नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा ने साफ शब्दों में कह दिया कि जदयू कार्यकर्ताओं की पार्टी है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजद से डील की जो चर्चा हो रही है, अगर उस डील में किसी तरह की सच्चाई है तो बिहार के लोग उसे स्वीकार करने वाले नहीं हैं। जदयू से जुड़े हुए बिहार के करोड़ों लोग इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे. पार्टी के भविष्य को लेकर लोगों के मन में चिंता है. पार्टी के जिन लोगों को इसकी चिंता है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो जदयू पार्टी बर्बाद हो जाएगी. पार्टी को बर्बादी से बचाने की चिंता रखने वाले लोगों को बैठक में बुलाया है. मकसद बड़ा है इसलिए कौन क्या बोलता है इसका कोई मतलब नहीं है.