शिथिलता. कब खत्म होगी राशन कार्ड बनवानेवाली महिलाओं की कतार
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युग वैज्ञानिक व काम पुरातन की तरह
शिथिलता. कब खत्म होगी राशन कार्ड बनवानेवाली महिलाओं की कतार वैज्ञानिक युग व आधुनिक युग में जहां लोग अंतरिक्ष की बातें करते हैं. वहीं आज भी जमुई में लोग महज खाद्यान्न राशन कार्ड बनबाने को लेकर पुरातन युग की तरह दिनभर मशक्कत कर रहे हैं. जमुई : जमुई मुख्यालय में खाद्यान्न राशन कार्ड बनबाने को […]
वैज्ञानिक युग व आधुनिक युग में जहां लोग अंतरिक्ष की बातें करते हैं. वहीं आज भी जमुई में लोग महज खाद्यान्न राशन कार्ड बनबाने को लेकर पुरातन युग की तरह दिनभर मशक्कत कर रहे हैं.
जमुई : जमुई मुख्यालय में खाद्यान्न राशन कार्ड बनबाने को लेकर पुरातन युग की तरह गर्भवती, लाचार व विधवा महिलाएं घंटों लाइन में खड़ी अपने पारी का इंजतार करती है. मजबूरी एेसी कि दूर-दराज से पहुंची महिला काउंटर के समीप ही रात गुजारती है. ताकि सुबह उसका नंबर जल्द आ सके. कार्य में में इतनी शिथिलता व अनियमितता की यह सिलसिला एक या दो दिन से नहीं बल्कि पिछले पांच महीने से चल रहा है. महिलाएं सब काम छोड़ अहले सुबह लाइन में लग जाती है. हम बात कर रहे हैं अनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित राशन कार्ड जमा करने वाले काउंटर की. जहां पांच माह से स्थिति जस की तस बनी है.
हांलाकि प्रशासन द्वारा लोगों को गरमी और धूप से निजात दिलाने के लिए शमियाना व पानी की व्यवस्था की गयी है लेकिन इससे भी लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. बहरहाल आखिरकार यह लाईन कब खत्म होगी. सुविधा व सेवा के मानक पर यह व्यवस्था कहां तक खरा उतर पा रहा है. यह विचारनीय प्रश्न है. नगर क्षेत्र की नीमारंग निवासी अंजनी देवी अपनी व्यथा सुनाते हुए कहती हैं कि मैं विगत दो दिनों से अहले सुबह से यहां आकर लाइन में लग रही है ,लेकिन अभी तक मेरा आवेदन जमा नहीं हो पाया है.लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र के गौरा-मड़ैया निवासी त्रिपुरारी साव कहते हैं कि मैं सुबह 6 बजे से ही लाइन में खड़ा हूं. बेटा का तबीयत भी खराब है. लेकिन हमारा सुनने वाला कोई नहीं है. नगर क्षेत्र के उझंडी निवासी मीना देवी कहती हैं कि मैं सुबह चार बजे से ही कतार में खड़ी हूं, पता नहीं कब मेरा नंबर आयेगा. गोरवा मटिहाना निवासी कविता देवी कहती हैं कि मेरे गोद में डेढ़ माह का बच्चा है और सुबह से इस भीषण गर्मी में लाइन में खड़ा होकर फार्म जमा करने का इंतजार कर रही हूं. चकाई निवासी काजल देवी कहती हैं कि सारा कामकाज छोड़कर अपने एक साल के बच्चे को गोद में लेकर सुबह से ही लाइन में हुं, लेकिन मेरी परेशानी कोई सुनने वाला नहीं है. सदर प्रखंड क्षेत्र की संग्थु निवासी चमेली देवी कहती है कि हम तीन दिन से लाइन में लगकर फार्म जमा करने का प्रयास कर रहे हैं.चकाई निवासी सोना देवी कहती हैं कि हम पिछले चार दिन से अपने संबंधी के यहां रूक कर फार्म जमा करने की कोशिश कर रहे हैं.
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