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कुपोषण से निजात दिलानेवाले केंद्र में भर्ती बच्चे हो रहे हैं बीमार
जमुई : सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चे आए दिन बीमार हो रहे हैं. हालांकि इसको लेकर केंद्र के सदस्यों द्वारा अस्पताल के योग्य चिकित्सक की देखरेख में इलाज करवाया जा रहा है. लेकिन लोगों की मानें तो यह केंद्र जिला वासियों की उम्मीद पर खरा उतरता नहीं नजर आ रहा […]
जमुई : सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चे आए दिन बीमार हो रहे हैं. हालांकि इसको लेकर केंद्र के सदस्यों द्वारा अस्पताल के योग्य चिकित्सक की देखरेख में इलाज करवाया जा रहा है. लेकिन लोगों की मानें तो यह केंद्र जिला वासियों की उम्मीद पर खरा उतरता नहीं नजर आ रहा है.
जानकारी के अनुसार बीते वर्ष 9 जुलाई 2004 में मुजफ्फरपुर की अल हिलाल एजुकेशन ट्रस्ट की मदद से जिले के 0 से 5 माह तक के कुपोषित बच्चे को स्वस्थ करने को लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना किया गया.
नाम के मुताबिक केंद्र में 20 बच्चों का बेड एवं सभी आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराया गया केंद्र के कर्मचारी की मानें तो क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सेविका सहायिका के सहयोग से 0 से 5 माह तक के कुपोषित बच्चे को केंद्र में लाकर संस्था के खर्च पर उसका इलाज कराया जाता है. बच्चों को कोई तकलीफ ना हो इसको लेकर उसकी माता को भी केंद्र में रखा जाता है और बताइए चार्ट के अनुसार उसका भरण पोषण किया जाता है
संस्था के द्वारा समय-समय पर भर्ती बच्चे के चेकअप को लेकर अस्पताल के योग चिकित्सक सलाह लिया जाता है और 14 से 21 दिनों तक की अवधि के बाद उसे पुनः घर भेज दिया जाता है बाद में जांच को लेकर चार बार अस्पताल में उसे बुलाया जाता है. जिसका खर्च 2 के हिसाब से संस्थापन करती है भर्ती के दौरान ₹50 की दर से 14 से 21 दिन तक बच्चे की मां को सरकारी राशि भी उपलब्ध कराया जाता है. सदस्यों ने बताया कि अभी तक संस्था के द्वारा जिले के 1478 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिया गया है. लेकिन केंद्र में 11 भर्ती बच्चों में से चकाई क्षेत्र के रोशन हेम्ब्रम, प्रमिला बासुकी, अमित टुड्डू तथा प्रिया हेम्ब्रम को देखकर पुनर्वास केंद्र के कर्मचारी की बात सच नहीं दिखती है.
इस बाबत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डा. श्याम मोहन दास ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में बढ़ती जा रही कोताही की जांच किया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिले के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने को लेकर पोषण पुनर्वास केंद्र का स्थापना किया गया है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग कृतसंकल्प है. इस में बरती जा रही नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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