मुजफ्फरपुर : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग बहुत जरूरी है. यदि हम नियमित योग करें तो बहुत सारी बीमारियों से बचे रह सकते हैं. इस कोरोना काल में बहुत लोग ऐसे हैं, जिन्होंने योग पर विश्वास किया और कोरोना संक्रमित होने के बाद योग को ही महत्वपूर्ण दवा माना. ये योग आचार्यों से संपर्क कर नियमित योग करते रहे. इससे उन्हें काफी फायदा हुआ. यहां ऐसे ही कुछ लोगों के अनुभव रखे जा रहे हैं.
बैरिया पुलिस कॉलोनी के सुभाष कुमार सिंह कहते हैं कि मुझे 15 अप्रैल को कोरोना हुआ था. जांच रिपोर्ट पॉजीटिव होने के बाद मैंने खुद को एक अलग कमरे में आइसोलेट कर लिया. डॉक्टर से परामर्श लिया तो बहुत सारी दवाएं लिख दी, लेकिन मुझे योग पर भरोसा था. इस दौरान मैं श्वसन से संबंधी आसन कपालभाति, भस्त्रिका और हैंड क्लिपिंग जैसे आसन का प्रयोग करता रहा.
रोज सुबह तीन से पांच बजे तक मैं प्राणायाम और आसन करता था. इसके साथ आंवला जूस और गिलोय का भी सेवन करता रहा. करीब 10 दिनों में ही मैं स्वस्थ महसूस करने लगा. हालांकि 14 दिनों तक आइसोलेट रहा, लेकिन मैंने एक दिन भी आसान-प्राणायम नहीं छोड़ा. प्राणायाम और आसन से ही मैं स्वस्थ हुआ हूं और इसे निरंतर कर भी रहा हूं.
आदर्शपुरी मुहल्ला, भगवानपुर के डॉ अभिषेक कुमार कहते हैं कि मुझे 25 अप्रैल को कोरोना हुआ था लेकिन मुझे अंग्रेजी दवाओं से ज्यादा योग पर भरोसा था. मैं रोज सुबह आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम में योग करना शुरू किया. दवाओं पर डिपेंड नहीं रहा. कोरोना पीरियड के दौरान रोज योगाभ्यास के साथ आसन करते करने का परिणाम यह रहा कि चार-पांच दिनों में ही नगेटिव हो गया.
नियमित योग से मुझे बहुत फायदा हुआ. अगर बहुत सारी दवाओं का सेवन करते तो 10 या 14 दिनों के बाद नगेटिव होते, लेकिन योग का परिणाम यह हुआ कि पांच दिनों में नगेटिव हो गये. कमजोरी भी महसूस नहीं हुई. मैंने योग के इस चमत्कार को अन्य लोगों को भी बताया है. योग के फायदे असीमित हैं. कोरोना के इलाज में योग बहुत फायदेमंद है. मैं खुद एमबीबीएस डॉक्टर हूं, लेकिन मेरे ठीक होने में योग बहुत कारगर रहा है.
अखाड़ाघाट के साकेत बिहारी का कहना है कि पिछले महीने मुझे कोरोना हुआ था. लंग्स में भी इंफेक्शन हो गया था, लेकिन मैंने दवाएं नहीं ली. रोज योग और आसन करता रहा. कोरोना से दो दिन बुखार भी था, लेकिन मैंने आसन नहीं छोड़ा. रोज नियमित योगासन मेरे लिए बहुत फायदेमंद रहा. डॉक्टर ने बताया कि लंग्स में इंफेक्शन हो गया है, उसके लिए दवाएं भी दी, लेकिन मैंने कपालभांति, नाड़ी शोधन और भ्रामरी प्राणायाम से उसे ठीक कर लिया. मुझे किसी तरह की दवाओं की जरूरत नहीं पड़ी.
नियमित योग करने से मैैं चौदह दिनों के पहले स्वस्थ हो गया. योग एक ऐसी विधा है, जो हमारे शरीर की प्रणाली को बिल्कुल स्वस्थ बना देती है. हम अगर नियमित रूप से योग करें तो कोई बीमारी आएगी भी तो चली जाएगी. इसके लिए किसी तरह की दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी.
सेवानिवृत्त प्रबंधक एसबीआई देवेंद्र प्रसाद वर्मा कहते हैं कि मुझे योग पर विश्वास था. मैंने कोरोना संक्रमित होने के बाद भी नियमित योग किया. इससे मेरे अंदर एक विश्वास भी आता था कि योग मुझे ठीक कर देगा. योग से मुझे फायदा भी हुआ. मुझे लगता था कि मेरे शरीर के अंदर ऊर्जा आती है. मेरे दो बेटे हैं और दोनों डॉक्टर हैं.
दोनों ने मेडिकल की सारी सुविधाएं उपलब्ध करा दी थी, लेकिन योग पर मुझे बहुत विश्वास था. कोरोना के समय में मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी, लेकिन मैने योग करना नहीं छोड़ा. योग से मुझे बहुत फायदा मिला. मैं जल्दी ही स्वस्थ हो गया. अब भी नियमित योग करता हूं. योग करने से मैं खुद को स्वस्थ महसूस करता हूं. दूसरों को भी यही शिक्षा देता हूं कि योग करने से इम्युनिटी मजबूत रहेगी, बीमारियां परेशान नहीं करेगी.
Posted by Ashish Jha