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बिहार में सीएम लैड की राशि कोरोना फंड में हुई ट्रांसफर, विधायकों के पास अब अनुशंसा के लिए बचे एक करोड़

योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जवाबी पत्र लिखा है. तेजस्वी यादव ने पांच मई को मुख्यमंत्री को सीएम क्षेत्र विकास योजना (सीएम लैड) में की गयी कटौती को लेकर पत्र लिखा था. उसी पत्र का मंत्री ने सिलसिलेबार तरीके से जवाब दिया है.

पटना. योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जवाबी पत्र लिखा है. तेजस्वी यादव ने पांच मई को मुख्यमंत्री को सीएम क्षेत्र विकास योजना (सीएम लैड) में की गयी कटौती को लेकर पत्र लिखा था. उसी पत्र का मंत्री ने सिलसिलेबार तरीके से जवाब दिया है.

पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि सीएम लैड फंड में राशि खर्च करने का प्रावधान और बाध्यता नियमों में नहीं है. इस पर सरकार का निर्णय ही अंतिम होता है. तीन करोड़ रुपये की संपूर्ण राशि की योजनाओं के लिए अनुशंसा करने का कोई विशेषाधिकार सदस्यों को नहीं है और इस बिंदु पर कोई आपत्ति भी नहीं जतानी चाहिए.

इस वजह से इस वित्तीय वर्ष में भी कोरोना संक्रमण को रोकने और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत गठित कोरोना उन्मूलन कोष में राशि ट्रांसफर की गयी है. यह योजना अपने वर्तमान स्वरूप में पूर्व में चलायी गयी विधायक ऐच्छिक कोष योजना से अलग है. विधानमंडल के सदस्य इस योजना के तहत किये जाने वाले आवश्यक कार्यों के बारे में सरकार को सिर्फ अपनी अनुशंसा करते हैं.

सीएम लैड योजना से दो करोड़ रुपये प्रति विधानमंडल सदस्य की दर से राशि कोरोना उन्मूलन कोष में ट्रांसफर करने के बाद भी एक करोड़ रुपये प्रति विधानमंडल सदस्य बच रहे हैं. जब एक करोड़ रुपये से अनुशंसा करने का विकल्प सदस्यों को उपलब्ध करा दिया गया है, तो इस संबंध में किसी तरह की शिकायत करने का औचित्य नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुए सोच-विचार कर जनहित में यह निर्णय लिया है.

पहले चरण में 179 करोड़ से ज्यादा हुए खर्च

पत्र में कहा गया है कि यह कहना सही नहीं है कि कोरोना महामारी के पहले चरण वर्ष 2020 में सीएम लैड फंड से ली गयी राशि का सदुपयोग नहीं हुआ है. पहले चरण में इससे 181 करोड़ रुपये कोरोना उन्मूलन कोष में ट्रांसफर किये गये थे. इनमें से 179 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किये गये. इसमें विभिन्न जिलों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 50 करोड़ रुपये आवश्यक सुविधाएं और उपकरणों पर खर्च हुए.

13.98 करोड़ रुपये से ऑक्सीजन गैस भंडारण के लिए टंकी लगायी गयी. विभिन्न जिला पदाधिकारियों के माध्यम से 29 करोड़ रुपये कोरोना से लड़ने के लिए खर्च किये गये. 80 करोड़ बिहार चिकित्सा आधारभूत संरचना निगम के माध्यम से खर्च हुए. शव वाहनों की खरीद में 2.73 करोड़ खर्च हुए.

बिहटा स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल को 2.36 करोड़ रुपये दिये गये. पत्र के अंत में नेता प्रतिपक्ष से यह अपेक्षा की गयी है कि कोरोना से प्रभावकारी ढंग से लड़ने के लिए किये जा रहे कार्यों में आपका सक्रिय सहयोग सरकार को प्राप्त होगा.

Posted by Ashish Jha

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