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गिरजाघरों में प्रार्थना, चर्च में भी पूजा की रही धूम

उत्साह. क्रिसमस की खुशियां लेकर आधी रात जन्मे प्रभु यीशु, बच्चों ने मनायी खुशी शहर के युवाओं ने भी उठाया क्रिसमस का लुत्फ गोपालगंज : क्रिसमस की रात प्रभु यीशु के जन्म होते ही चहुंओर उल्लास फैल गया. आधी रात प्रभु यीशु के जन्म लेते ही खुशियां, प्रेम और शांति का आगमन हुआ. प्रभु यीशु […]

उत्साह. क्रिसमस की खुशियां लेकर आधी रात जन्मे प्रभु यीशु, बच्चों ने मनायी खुशी

शहर के युवाओं ने भी उठाया क्रिसमस का लुत्फ
गोपालगंज : क्रिसमस की रात प्रभु यीशु के जन्म होते ही चहुंओर उल्लास फैल गया. आधी रात प्रभु यीशु के जन्म लेते ही खुशियां, प्रेम और शांति का आगमन हुआ. प्रभु यीशु अपने साथ खुशियों की सौगात लेकर आये. खुशी के गीतों के बीच रात ठीक 12 बजे प्रभु यीशु मसीह ने चरनी में जन्म लिया. कई रंगों की रोशनी से जगमग चर्च समेत विभिन्न मसीही धर्मस्थलों पर प्रभु यीशु मसीह का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. धर्मगुरुओं ने प्रभु यीशु के जन्म का संदेश दिया.
प्रेम, एकता और मेल-मिलाप के संदेश के बाद केक काटा गया और लोगों ने एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं. रात 12 बजे प्रभु यीशु के जन्म लेते ही खुशियों का संचार हो गया. प्रभु यीशु के जन्म के बाद जिंगल बेल… जिंगल बेल… गाते, घूमते गड़रिया, नये कपड़ों में सजे-धजे लोग, गिरजाघर से गूंजते आराधना के स्वर,
घरों में मैरी क्रिसमस के साथ बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया. रविवार को सभी चर्च में सुबह विशेष आराधना की गयी. क्रिसमस की संध्या पर भी मसीही समुदाय के घरों के अलावा गिरजाघरों में भी खुशी के गीत गाये गये. हर ओर खुशियां थी, हर्ष, उल्लास का माहौल रहा. इसके साथ प्रभु के जन्म लेने की खुशी में दूसरों को खाना खिलाया गया. रविवार को देर रात तक विभिन्न गिरजाघरों में जश्न का दौर चलता रहा. इसके बाद सभी अपने अपने घरों को चले गये. मसीही समाज प्रार्थना में जुटा हुआ था तो अन्य लोग भी चर्च पहुंचे. देर रात त्योहार मनाया जाता रहा. चर्च के अलावा घरों में भी जबरदस्त सजावट की गयी. घरों में क्रिसमस ट्री सजाये गये थे.
गिरजाघरों में आराधना और गीत-संगीत : चर्च में क्रिसमस की विशेष आराधना की शुरुआत सुबह से शुरू हो गयी. कैथोलिक चर्च, मिशनरी चर्च समेत अन्य चर्च में होनेवाली आराधना में हजारों मसीही समाज जुटे. सभी ने उनकी प्रार्थना समय के आधार पर रविवार को विशेष आराधना की. प्रभु यीशु के बारे में लोगों को जानकारियां दी गयीं.
सजायी गयी थी विशेष चरनी : क्रिसमस के लिए चर्च में चरनी सजायी गयी थी. प्रभु यीशु के जन्म प्रसंग का चित्रण करते हुए इसमें माता मरियम और उद्धारकर्ता के आने की खुशियां मनाते हुए लोगों की झांकी दिखयी गयी. प्रभु यीशु का जन्म गौशाले में हुआ था, जहां उन्हें गायों के चारा खाने के लिए बनाये गये तसले यानी चरनी में पैरे व कपड़े के ऊपर रखा गया था. इसे प्रदर्शित करते हुए चर्च में आकर्षक चरनी सजायी गयी थी. चरनी में प्रभु यीशु के जन्म लेते ही खुशियों का दौर शुरू हो गया. प्लम केक, पेस्ट्री और बेकरी आइटम न हों तो क्रिसमस सेलिब्रेशन अधूरा माना जाता है, लिहाजा घरों में महिलाएं जुटी रहीं.
सिधवलिया. पूरे प्रखंड में क्रिसमस की धूम रही तथा पिकनिक सा माहौल रहा. आइएसीटी कंप्यूटर संस्थान में छात्र-छात्राओं ने अपने ही अंदाज में क्रिसमस का आनंद उठाया. इस दौरान छात्र-छत्राओं द्वारा जरूरतमंद गरीबों की मदद करने की शपथ के साथ लिट्टी-चोखा की दावत दी गयी जिसमें क्षेत्र के कई गण्यमान्य लोगों के साथ निदेशक जितेंद्र कुमार, सुधाकर कुमार आदि शामिल थे.

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