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प्रमाणपत्रों में अंक बढ़ा बन गये शक्षिक

प्रमाणपत्रों में अंक बढ़ा बन गये शिक्षक बरौली शिक्षक नियोजन में व्यापक फर्जीवाड़ा नियोजन इकाई की मूल काउंसलिंग की पंजी भी गायबरातों रात नियोजन कर चलते बने तत्कालीन बीडीओनोट : फोटो के बदले में स्कैन कॉपी लगानी है गुरुजी बनने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है. अंक प्रमाणपत्र को स्कैन कर खुद […]

प्रमाणपत्रों में अंक बढ़ा बन गये शिक्षक बरौली शिक्षक नियोजन में व्यापक फर्जीवाड़ा नियोजन इकाई की मूल काउंसलिंग की पंजी भी गायबरातों रात नियोजन कर चलते बने तत्कालीन बीडीओनोट : फोटो के बदले में स्कैन कॉपी लगानी है गुरुजी बनने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है. अंक प्रमाणपत्र को स्कैन कर खुद नंबर बढ़ा लिया गया. फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में कई शिक्षक बन गये हैं, जबकि योग्यता वाले नौकरी के लिए भटक रहे हैं. शिक्षा विभाग उन्हें वेतन का भुगतान भी कर रहा है. प्रभात पड़ताल -अवधेश कुमार राजन, गोपालगंजफर्जी प्रमाणपत्र पर दर्जनों शिक्षक नौकरी कर रहे हैं. ये वैसे शिक्षक हैं, जिन्होंने प्रमाणपत्र में अपना अंक बढ़ा कर नौकरी पा ली है. तत्कालीन बीडीओ शशिभूषण मिश्र सेटिंग की बदौलत रातों रात नियोजन कर चतले बने. 14 फरवरी, 2014 को आनन-फानन में तत्कालीन बीडीओ नियोजन की सूची पर हस्ताक्षर कर रात में चलते बने. बता दें कि बरौली प्रखंड में अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर वर्ष 2008 का शिक्षक नियोजन 2013 में किया गया. विभाग के तमाम नियम और आदेश के बाद भी फरवरी, 2014 में नियोजन कर दिया गया. नियोजन में जिनका अंक 648 था उनकी स्कैन कॉपी में बढ़ा कर 707 अंक करके बहाल कर दिया गया. मूल काउंसेलिंग पंजी भी गायब वरीय मेधा अंक के अभ्यर्थियों को वंचित कर फर्जी लोगों का नियोजन कर दिया गया. तब आधी रात को गायब हो गये बीडीओजब द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन का कार्य पूरा हुआ, तो उसे रोक कर रखा गया था. 14 फरवरी, 2014 की रात में बीडीओ साहब ने सूची पर हस्ताक्षर किया और रातों रात बरौली छोड़ कर चलते बने. उनका पहले से ही तबादला हो चुका था. उनके तबादले के बाद कुमकुम श्रीवास्तव ने पदभार संभाला. उस समय शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े को लेकर हंगामा भी हुआ था. कुछ दिन के बाद सब कुछ खटाई में पड़ गया. अब फिर शिक्षक अभ्यर्थी देवेेंद्र कुमार राम, मुर्तुजा अंसारी, विभा कुमारी, सपना सिंह आदि ने डीएम राहुल कुमार को न्याय मिलने की उम्मीद लिये फर्जीवाड़े का काला चिट्ठा सौंपा है, जिसकी जांच के लिए डीइओ को आदेश दिया गया है. बीडीओ को मिला था पांच शिक्षकों के प्रमाणपत्र में अंतरबरौली में बीडीओ कुमार प्रशांत ने जब योगदान किया, तो उन्होंने वर्ष 2008 के नियोजित शिक्षकों से उनके मूल प्रमाणपत्र की छायाप्रति तलब की, जिसमें पांच ऐसे शिक्षक पाये गये जिनके मूल प्रमाणपत्र तथा नियोजन प्रमाणपत्र में अंतर पाया गया था. अभी कार्रवाई तैयारी चल ही रही थी कि पटना उच्च न्यायालय ने निगरानी जांच का फैसला लिया. निगरानी की जांच शुरू हुई और पूरा प्रमाणपत्र सौंप दिया गया. डीएम को सौंपी गयी फर्जीवाड़े की सूचीनाम अंक नियोजन अंक बढ़ाये गये अंकविजय कुमार 493 552 52अशोक कुमार 536 540 4श्वेता कुमारी 526 579 53संटी कुमारी 520 576 56सुरेश कुमार 528 588 60 आनंद कुमार पांडेय 579 741 147गुड़िया कुमारी 482 490 8इमाम अली 535 595 60खुर्शीद अहमद 531 581 50चंदन कुमार 648 707 58रजीता कुमारी 448 537 89फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद भी भुगतानबरौली शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े की जानकारी शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को लिखित तौर पर देने के बाद भी इन फर्जी शिक्षकों का भुगतान कर दिया गया. स्थापना के तत्कालीन डीपीओ राजकिशोर सिंह ने इन शिक्षकों को भुगतान का आदेश दिया था. क्या कहते हैं अधिकारीफर्जीवाड़े को गंभीरता से लेकर डीइओ को जांच करने का आदेश दिया गया है. जांच रिपोर्ट मांगी गयी है. अगर फर्जीवाड़ा सही है, तो इन पर कार्रवाई की जायेगी. राजीव रंजन सिन्हा, प्रभारी जन शिकायत कोषांग

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