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गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए जाना पड़ा हाइकोर्ट

चीनी मिलों के साथ प्रधान सचिव व डीएम भी आरोपितफोटो-20गोपालगंज. अपनी ही सरकार के खिलाफ जदयू विधायक मंजीत सिंह ने पटना हाइकोर्ट मंे जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें मंजीत सिंह बनाम बिहार सरकार 42178/15- 22 जून को दाखिल जनहित याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव गन्ना विकास विभाग, गन्ना आयुक्त, सहायक गन्ना […]

चीनी मिलों के साथ प्रधान सचिव व डीएम भी आरोपितफोटो-20गोपालगंज. अपनी ही सरकार के खिलाफ जदयू विधायक मंजीत सिंह ने पटना हाइकोर्ट मंे जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें मंजीत सिंह बनाम बिहार सरकार 42178/15- 22 जून को दाखिल जनहित याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव गन्ना विकास विभाग, गन्ना आयुक्त, सहायक गन्ना आयुक्त, डीएम गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, बेगुसराय के अलावा 11 चीनी मिलों के मैनेजिंग डायरेक्टर को आरोपित किया गया है. इन पर आरोप है कि राज्य के 3.60 लाख गन्ना किसानों के 6 लाख 13 हजार 270 करोड़ की बकाया राशि वर्ष 2013-14 तथा 2014-15 का चीनी मिलों के तिजोरी मंे बंद है. ईख आपूर्ति विनियम अधिनियम 1981 के नियम 43, पठित 51 के अनुसार चीनी मिलों के खिलाफ विधायक ने जनहित याचिका दाखिल की है. इससे पहले 14 तथा 22 अप्रैल 2015 को विधानसभा में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद जब सरकार ने विधायक के द्वारा उठायी गयी गन्ना किसानों की समस्याओं को नहीं सुना, तो अंतत: विधायक सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल करने पर मजबूर हुए. बता दंे कि वर्ष 2013-14 तथा 2014-15 में 5.96 लाख टन गन्ने की आपूर्ति किसानों ने की, जिसमें सिर्फ 2013-14 में कुल 1632219.64 लाख के बदले मंे 117248 करोड़ का भुगतान हुआ, जबकि, 134710.34 लाख का आज तक भुगतान नहीं हो सका. कोर्ट के सामने लाया गया है कि बिहार सरकार चीनी मिलों को समय-समय पर इंसेंटिव देती रही है. इतना ही नहीं प्रति क्विंटल 1.75 रुपये के टैक्स को भी माफ कर दिया गया है. फिर भी गन्ना किसानों को भुगतान नहीं हो रहा है.

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