गोपालगंज : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच अपने बूते बिहार विकास का रोल मॉडल बन गया है. इसकी चर्चा अन्य राज्यों में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हो रही है और कई राज्य हमारा अनुसरण कर रहे हैं. पहले बिहार की चर्चा पिछड़े राज्यों में होती थी. आज बिहार विकास के लिए जाना जा रहा है.
वह गोपालगंज जिले की सेवायात्रा के अंतिम दिन गुरुवार को महम्मदपुर गोविंद दास हाइस्कूल के मैदान में सभा को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने बैकुंठपुर के प्रथम विधायक और स्वतंत्रता सेनानी शिवबचन तिवारी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद 143 परियोजनाओं का शिलान्यास व 175 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनकी कुल लागत 369.11 करोड़ रुपये है.
सभा में मुख्यमंत्री ने कहा, बिहार का सर्वागीण विकास ही हमारी कोशिश है. पहले यहां के लोगों को तोड़ा जा रहा था. हमने सबको जोड़ते हुए कानून का राज का स्थापित किया. नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देते हुए 50 फीसदी आरक्षण देने का पहला काम बिहार में हुआ है. साइकिल योजना आयी, तो हमारी बेटियां सड़कों पर निकल पड़ीं.
पहले नरसंहार, धर्म के नाम पर लड़ाई के लिए बिहार जाना जाता था. हमने इसे बदला. कुछ लोग घूम रहे हैं और विकास करने की बातें कर रहे हैं. लेकिन, जब उन्हें मौका मिला, तो लूटने का काम किया और आज विकास की बात कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सड़कें बनायी हैं. साक्षरता दर बढ़ी है, लेकिन अब भी हम राष्ट्रीय स्तर पर पीछे है. राष्ट्रीय स्तर प्रति व्यक्ति 750 यूनिट बिजली की औसत खपत है, जबकि यहां मात्र 122 यूनिट है. बिहार में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना कम है. विशेष राज्य का दर्जा मिला, तो यहां कल-कारखाने लगेंगे.
रोजगार मिलेगा और हमारे मजदूर बाहर नहीं जायेंगे, बल्कि बाहर के मजदूर यहां आयेंगे. इसके लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी. आपके के सहयोग की जरूरत है. लोगों के मांग पर मुख्यमंत्री ने बंगरा घाट में गंडक नदी पर पुल निर्माण बनाने का आदेश दिया. गोपालगंज से गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री सेवायात्रा पर सीतामढ़ी पहुंचे.