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बिना बर्तन व रजिस्टर के ही आवंटित हो गयी राशि

गोपालगंज : समाज कल्याण विभाग के मंत्री रामसेवक सिंह के गृह जिले में कुपोषण मिटाने के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. कुचायकोट के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बड़े पैमाने पर धांधली का परत-दर-परत खुलासा हो रहा. चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं कि नये आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए विभाग की […]

गोपालगंज : समाज कल्याण विभाग के मंत्री रामसेवक सिंह के गृह जिले में कुपोषण मिटाने के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. कुचायकोट के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बड़े पैमाने पर धांधली का परत-दर-परत खुलासा हो रहा. चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं कि नये आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए विभाग की ओर से अब तक न तो रजिस्टर दिया गया है और न ही बर्तन.

बगैर रजिस्टर और बर्तन के ही सीडीपीओ सेटिंग की बदौलत तीन माह से पुष्टाहार के लिए टीएचआर की राशि का आवंटन करती रही. कागज पर टीएचआर बंटवाकर राशि का बंदरबांट होती रही. हैरत तो इस बात का है कि सीडीपीओ कार्यालय में सक्रिय िबचौिलया अख्तर अली आंगनबाड़ी सेविकाओं की बैठक बुलाता था. दो मार्च को अख्तर अली ने पर्यवेक्षिकाओं का सेक्टर तक परिवर्तित करा दिया था.
इस मामले में 15 मार्च को पर्यवेक्षिका शिला देवी, कुमारी नीलम शर्मा, कुमारी पुष्पा सिंह, गीता कुमारी, सुमन कुमारी, आरती कुमारी आदि ने एसडीओ वर्षा सिंह को लिखित शिकायत देकर पूरे स्थिति की पोल खोल दी थी. अब इस पूरे मामले का भंडाफोड़ होने के बाद सीडीपीओ पर कार्रवाई व आंगनबाड़ी केंद्रों से राशि की रिकवरी तय मानी जा रही है. डीएम के आदेश पर कार्रवाई तेज हो गयी है.
क्या है टीएचआर का नियम
टीएचआर आवंटन के दौरान विभाग को ऊपर के सीरियल से जहां तक राशि उपलब्ध है, वहां तक का आवंटन देना है. कुचायकोट में सीडीपीओ के कथित दलाल के सेटिंग पर 423 आंगनबाड़ी केंद्रों में से सबसे नीचे यानी नये आंगनबाड़ी केंद्रों को राशि का आवंटन किया गया. सीडीपीओ शोभा रानी ने अधिकारियों को बताया कि नया आंगनबाड़ी केंद्र था, इसलिए इनको राशि का आवंटन दिया गया. लेकिन, सीडीपीओ यह भूल गयी कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों के पास बर्तन और रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं हैं.
सीडीपीओ बनकर केंद्रों की जांच करता था अख्तर अली
आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाओं की तरफ से दिये गये आवेदन पर नजर डालें तो कुचायकोट में सीडीपीओ बनकर अख्तर अली पूरे परियोजना का कमान संभाले हुए था. खुद को सीडीपीओ का चालक बताता था. प्यून बही से लेकर परियोजना का महत्वपूर्ण रजिस्टर उसके पास रहता था. जिसका उससे सेटिंग हुआ उस पर सीडीपीओ की कृपा बनी रहती थी. बाकी को प्रताड़ित किया जाता था. सीडीपीओ पर कार्रवाई की खबर से परियोजना से जुड़े कर्मियों ने राहत की सांस ली है.
पदमुक्त होंगे दोषी : डीएम
डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि कुचायकोट परियोजना की जांच में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद 84 आंगनबाड़ी केंद्रों से जवाब तलब किया गया है, जबकि पर्यवेक्षिकाओं से स्पष्टीकरण किया गया है. सीडीपीओ पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. पूरे मामले में जो भी दोषी होंगे उनको पदमुक्त किया जायेगा.

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