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डीईओ को कार्यालय में चार घंटे बंधक बनाया

जिंदाबाद- मुर्दाबाद के नारों से गूंजता रहा शिक्षा विभाग पूर्व डीईओ को बुलाने की मांग पर अड़े थे अनुदेशक गोपालगंज : आदेशपाल के पद पर समायोजन नहीं होने से उग्र अनौपचारिक अनुदेशकों ने डीईओ को उनके कार्यालय में ही बंधक बना दिया. नवपदस्थापित डीईओ अखिलेश्वर प्रसाद जैसे ही प्रभार लेने के लिए कार्यालय पहुंचे कि […]

जिंदाबाद- मुर्दाबाद के नारों से गूंजता रहा शिक्षा विभाग

पूर्व डीईओ को बुलाने की मांग पर अड़े थे अनुदेशक
गोपालगंज : आदेशपाल के पद पर समायोजन नहीं होने से उग्र अनौपचारिक अनुदेशकों ने डीईओ को उनके कार्यालय में ही बंधक बना दिया. नवपदस्थापित डीईओ अखिलेश्वर प्रसाद जैसे ही प्रभार लेने के लिए कार्यालय पहुंचे कि इतने में उग्र अनौपचारिक अनुदेशकों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया. समायोजन की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. डीईओ अभी मामला समझ भी नहीं सके थे कि मुर्दाबाद के नारों से पूरा शिक्षा विभाग गूंजने लगा. डीईओ कार्यालय में पहुंचकर पूर्व से मौजूद डीपीओ अनिल कुमार द्विवेदी से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि ये सभी महिला और पुरुष अनौपचारिक अनुदेशक हैं. इनका समायोजन आदेशपाल के पदों पर किया जाना है. डीईओ समायोजन को लेकर अभी कुछ कह भी नहीं पाये कि उग्र अनुदेशकों ने हल्ला करते हुए कार्यालय कक्ष में प्रवेश कर गयी.
इतना ही नहीं पूर्व डीईओ शैलेंद्र कुमार को बुलाने या समायोजन पत्र देने की मांग पर अड़ गयीं. अनुदेशकों का हंगामा लगातार चलता रहा. अनुदेशक महिलाएं न तो किसी साहब की सुनती थीं. और नहीं किसी बाबू की. जैसे ही डीईओ ने अनुदेशकों को समझाने की कोशिश की. इतने में अनुदेशकों ने डीईओ को कार्यालय कक्ष में ही बंधक बना दिया. कार्यालय में बाहर से तालाबंदी कर डाली. डीईओ अपने चेंबर में घंटों चुप-चाप बैठे रहे बाहर शिक्षा विभाग मुर्दाबाद, डीईओ मुर्दाबाद का नारा गूंजता रहा.
डीईओ को मिला प्रभार : नवपदस्थापित डीईओ अखिलेश्वर प्रसाद को जिला शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार बुधवार को मिला. डीईओ ने शनिवार को ही अपना योगदान कर लिया था, लेकिन उन्हें प्रभार नहीं मिला था. बुधवार को डीईओ शैलेंद्र कुमार ने उन्हें प्रभार सौंप दिया. शैलेंद्र कुमार के पास अब डीपीओ स्थापना का प्रभार है. वह डीपीओ स्थापना का कामकाज देखेंगे.
67 अनुदेशकों का होना है समायोजन
67 अनौपचारिक अनुदेशकों का समायोजन शिक्षा विभाग के रिक्त आदेशपाल के पदों पर होना है. जिसको लेकर उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय का आदेश प्राप्त है. गत एक वर्ष पूर्व शिक्षा विभाग द्वारा 67 अनुदेशकों की सूची समायोजन के लिए शिक्षा विभाग को भेजा गया है, लेकिन अब तक समायोजन नहीं हो सका है.
गत पांच जुलाई 2017 को अनुदेशकों की काउंसेलिंग हुई, लेकिन अब तक समायोजन नहीं होने से अनुदेशकों में काफी आक्रोश है. अनुदेशक 10 माह से समायोजन की उम्मीद लगाये बैठे हैं.
मारने और मरने पर उतारू थे अनुदेशक
अब तक समायोजन नहीं होने से अनुदेशक काफी उग्र थे. उनका कहना था कि जिन अनुदेशकों की सूची बाद में आयी. वह पांच माह से नौकरी में है, लेकिन हम अनुदेशकों को जान बूझकर शिक्षा विभाग के अधिकारी समायोजन नहीं कर रहे हैं. इस कारण 10 माह से नौकरी की उम्मीद में शिक्षा विभाग में रात-दिन बीत रहा है.
डीईओ के साथ नहीं हुआ उचित बर्ताव
शिक्षा विभाग परिसर में मौजूद शिक्षकों ने कहा कि नये डीईओ के साथ पहले ही दिन इस तरह का बर्ताव कहीं से उचित नहीं है. समायोजन के लिए पूर्व के अधिकारी और कर्मचारी दोषी हैं. इसमें नये डीईओ का क्या दोष है. जो हो रहा है वह कही से उचित नहीं है.
एक सप्ताह का मिला आश्वासन
उग्र अनुदेशकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद द्वारा एक सप्ताह में समायोजन किये जाने का आश्वासन दिया गया. उन्होंने कहा कि अभी-अभी प्रभार मिला है. संचिका मंगा कर देख रहे हैं. एक सप्ताह में सबका समायोजन कर दिया जायेगा. अब तक जितना भी विलंब हुआ उसे भूल जाइए.

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