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बालश्रम: मजदूरी पर बढ़ा विवाद, तो हुआ खुलासा, चूड़ी कारखाने में काम कर रहे थे बालश्रमिक
गया: कोतवाली थाना क्षेत्र के रामशिला पहाड़ के पास एक मकान में चल रहे चूड़ी कारखाने में नाबालिगों से काम कराया जा रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब मजदूरी को लेकर कारखाने के मालिक और बाल श्रमिकों में अनबन हो गयी. इस संबंध में कोतवाली इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि बच्च-बच्चियों के अभिभावकों […]
गया: कोतवाली थाना क्षेत्र के रामशिला पहाड़ के पास एक मकान में चल रहे चूड़ी कारखाने में नाबालिगों से काम कराया जा रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब मजदूरी को लेकर कारखाने के मालिक और बाल श्रमिकों में अनबन हो गयी.
इस संबंध में कोतवाली इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि बच्च-बच्चियों के अभिभावकों ने चूड़ी कारखाने के संचालन के खिलाफ मारपीट व मजदूरी नहीं देने को लेकर लिखित शिकायत की है. वहीं संचालक ने बच्चों व उनके अभिभावक के खिलाफ लिखित शिकायत की है. पुलिस मामला दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है.
बताया जाता है कि सोमवार की सुबह बाल श्रमिकाें ने चूड़ी कारखाने के मालिक मोहम्मद फिरोज से मजदूरी मांगी, तो उसने मजदूरी देने से इनकार कर दिया. आरोप है कि मो फिरोज ने बच्चों से कुछ दिन और काम करने को कहा. इस पर बच्चों ने कहा कि दो दिन पहले काम किया था, उसका पैसा भी उन्हें मिला है अत: जब तक बकाया मजदूरी नहीं मिलेगी वे लोग काम नहीं करेंगे. इस पर कहासुनी बढ़ गयी, तो बच्चों ने अपने अभिभावकों को इसकी सूचना दे दी. इसकी जानकारी स्वयंसेवी संस्था एक किरण आरोह तक भी पहुंची. सूचना पर संस्था की अध्यक्ष रीतू प्रिया सहित अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और बच्चों की समस्याएं सुनीं. इसके बाद बच्चे व उनके अभिभावक कोतवाली थाना पहुंचे.
रीतू प्रिया ने बताया कि पूछताछ में बच्चे-बच्चियों ने बताया कि रुपये का लालच देकर उनसे चूड़ी कारखाने में काम कराया जाता था. हर बच्चे को 10 चूड़ी कारखानों पर रहेगी नजर: रीतू प्रिया ने बताया कि शहर में चल रहे चूड़ी कारखानों पर पैनी नजर रखी जोगी. उन्होंने बताया कि पुलिस के सहयोग से बच्चों को बाल श्रम के दलदल में धकेलनेवालों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. से 30 रुपये तक मजदूरी मिलती थी. बच्चों ने बताया कि नहीं काम करने पर बच्चों के साथ मारपीट भी की जाती थी.
चूड़ी कारखानों पर रहेगी नजर: रीतू प्रिया ने बताया कि शहर में चल रहे चूड़ी कारखानों पर पैनी नजर रखी जोगी. उन्होंने बताया कि पुलिस के सहयोग से बच्चों को बाल श्रम के दलदल में धकेलनेवालों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है.
क्या कहती हैं बच्चियां : रेशमी कुमारी, संजना कुमारी, रिमझिम कुमारी ने बताया कि काम के बदले उन्हें 10-10 रुपये दिये जाते थे. लेकिन, एक-एक सप्ताह तक पैसा नहीं देने के कारण वे परेशान हो गये और काम करने से इनकार कर दिया तो संचालक ने मारपीट की. बच्चियों ने यह भी कहा कि संचालक उन्हें जान मारने की भी धमकी देता था.
जिन बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया गया
विजय मांझी के 17 वर्षीय पुत्र पिंटू मांझी, बैप्पू डोम के 14 वर्षीय पुत्र करण कुमार, बाबूलाल मांझी के 13 वर्षीय पुत्र कुंदन कुमार, विजय मांझी के 16 वर्षीय पुत्र राजा कुमार, राजेंद्र डोम के 13 वर्षीय पुत्र बादशाह कुमार, मो इमलाम के 15 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार, कैलाश पासवान के 17 वर्षीय पुत्र पिंटू कुमार, वैजू डोम के नौ वर्षीय पुत्र अर्जुन कुमार, सीताराम डोम के 16 वर्षीय पुत्र मिथुन कुमार, मो इसलाम के छह वर्षीय पुत्र इसरत कुमारी, मो इसलाम के 10 वर्षीय पुत्री शाहीन परवीन, संजू मांझी की छह वर्षीय बेटी रेशमी कुमारी सहित अन्य बच्चे व बच्चियां शामिल हैं. ये रामशिला पहाड़ के आसपास के ही रहनेवाले हैं.
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