संबद्धता को लेकर है विवाद
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अंपायर व खिलाड़ियों के निलंबन का किया विरोध
संबद्धता को लेकर है विवाद गया प्रीमियर लीग की आयोजन समिति ने बीसीए की मंशा पर उठाये सवाल गया : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) द्वारा जीपीएल में भाग ले रहे अंपायर व खिलाड़ियों के निलंबन का क्रिकेट से जुड़े लोगों ने विरोध किया है. शुक्रवार को गांधी मैदान स्टेडियम में एक प्रेस वार्ता का आयोजन […]
गया प्रीमियर लीग की आयोजन समिति ने बीसीए की मंशा पर उठाये सवाल
गया : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) द्वारा जीपीएल में भाग ले रहे अंपायर व खिलाड़ियों के निलंबन का क्रिकेट से जुड़े लोगों ने विरोध किया है. शुक्रवार को गांधी मैदान स्टेडियम में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. गया प्रीमियर लीग आयोजन समिति के सचिव अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उनसे जीपीएल प्रतियोगिता के संबद्धता के लिए 25 हजार रुपये जमा करने को कहा. इस पर श्री सिंह ने प्रदेश के पदाधिकारियों को यह सूचना दी कि उन्होंने जिला क्रिकेट एसोसिएशन से आयोजन की संबद्धता ले ली है. इस मामले में अंपायर व खिलाड़ियों को निलंबित कर देना बहुत गलत है.
उन्होंने कहा कि मगध प्रमंडल में क्रिकेट के खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए ही इस तरह का आयोजन हो रहा है, लेकिन कुछ लोग इस मामले में राजनीति कर पदाधिकारियों को भ्रमित कर रहे हैं. यह गलत है. यह खेल को नुकसान पहुंचायेगा.
नीरज विद्यार्थी ने कहा कि जिला क्रिकेट एसोसिएशन अमन कुमार व शैलेश विद्यार्थी के नेतृत्व में चल रहा है. इसके कागजात भी उनके पास हैं. राष्ट्रीय व राज्य स्तर के जो भी खिलाड़ी व खेल पदाधिकारी गया आते हैं, उन लोगों की ही देखरेख में सारे कार्यक्रम होते हैं.
श्री विद्यार्थी ने कहा कि जीपीएल के आयोजन की संबद्धता हो गयी है. उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट ऐसोसिएशन जिस संबद्धता की बात कर रहा है, वह तो राज्य में कहीं नहीं होता.
पूरे राज्य में कई बड़ी क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है. केवल पटना में ही हर महीने बड़े टूर्नामेंट होते हैं, तो क्या बीसीए उन सभी आयोजनों के लिए संबंद्धता शुल्क वसूलता है. प्रेस वार्ता में पूर्व खिलाड़ी रंजीत कुमार,राजेश कुमार एडी व अन्य मौजूद थे.
बिना स्पष्टीकरण के निलंबन गलत: निलंबित हुए अंपायर वेद प्रकाश ने कहा कि बिना स्पष्टीकरण पूछे उन लोगों को निलंबित किया जाना गलत है. यह अंपायरों का अपमान है. उन्होंने कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले स्पष्टीकरण पूछा जाना चाहिए. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को आपत्ति ही थी, तो प्रतियोगिता की शुरुआत में ही अपना रूख स्पष्ट कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि राज्यभर में कई प्रतियोगिताओं में उन्हें अंपायरिंग के लिए भेजा जाता है, लेकिन इनमें से अधिकांश का अभी तक बीसीए ने भुगतान नहीं किया. मांगने पर केवल आश्वासन दिया जाता है.
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