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आयुक्त के हस्तक्षेप पर शांत हुए पार्षद
गया: शहर की समस्याओं व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सोमवार को नगर निगम के बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने खूब हंगामा मचाया.वे किसी की बात सुनने को तैयार न थे, सिर्फ अपनी बात ही कहे जा रहे थे. शोर शराबा कर रहे पार्षदों को शांत करने के जब सभी प्रयास विफल हो गये, […]
गया: शहर की समस्याओं व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सोमवार को नगर निगम के बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने खूब हंगामा मचाया.वे किसी की बात सुनने को तैयार न थे, सिर्फ अपनी बात ही कहे जा रहे थे. शोर शराबा कर रहे पार्षदों को शांत करने के जब सभी प्रयास विफल हो गये, तो नगर आयुक्त को खुद खड़ा होकर हस्तक्षेप करना पड़ा. उन्होंने शोरशराबा करनेवाले पार्षदों को उनका दायित्व समझाया जब जाकर मामला शांत हुआ.
आयुक्त ने पार्षदों को शांत कराते हुए कहा कि शहर के लोग बोर्ड की बैठक में होनेवाले विकास के कामों पर फैसले का इंतजार कर रहे हैं. यहां समस्याओं को लेकर कोई गंभीर नहीं दिखता. यह चिंताजनक है. बैठक में समस्याओं के समाधान पर विचार होना चाहिए. इसके बाद जब बैठक सुचारु हुई, तो पेयजल से लेकर गंदगी तक की समस्याएं उठायी गयीं. बैठक में वार्ड नंबर 36 के पार्षद चितरंजन प्रसाद वर्मा ने कहा कि पिछले बोर्ड की बैठक में उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि राजीव आवास योजना के लाभुक चयन में अनियमितता बरती गयी है व इसमें करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है, लेकिन इस प्रस्ताव को हटा दिया गया. इस प्रस्ताव को दोबारा एजेंडे में शामिल किया जाये. वार्ड पार्षद लालजी प्रसाद ने हाइ डिस्चार्ज मशीन की खरीद के निर्णय पर कहा कि मशीन का कागजात मुहैया नहीं कराया गया है. इस पर नगर आयुक्त विजय कुमार ने कहा कि इसके लिए कमेटी बनायी गयी है. श्री प्रसाद ने जांच कमेटी में पार्षद चितरंजन वर्मा को शामिल किये जाने कि मांग की. इसका विरोध करते हुए पार्षद बृजभूषण प्रसाद ने कहा कि जांच कमेटी में अन्य किसी को शामिल किये जाने पर अन्य पार्षद भी मांग करेंगे. इधर, पार्षद धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि कमेटी गठित होने के बाद भी अन्य अधिकारियों को पत्र दिया गया है. यह परिपाटी बहुत ही गड़बड़ हैं. कम से कम शिकायतकर्ता को जांच का इंतजार करना चाहिए.
सभाकक्ष में रहा मच्छरों का आतंक
बैठक में पार्षद शशि किशोर शिशु ने सफाई प्रभारी शैलेंद्र कुमार सिन्हा से कहा कि बैठक से पहले कम-से-कम सभाकक्ष की साफ-सफाई करायी जानी चाहिए. निगम का यह हाल है, तो आम आदमी का मालिक तो भगवान ही होगा. सफाई प्रभारी ने जवाब में कहा कि बैठक से पहले सफाई करायी गयी है.
शव ढोनेवाली गाड़ी का मामला उठा
शव ढोनेवाले वाहन की सप्लाइ का मामला उठाते हुए डिप्टी मेयर ने कहा कि कंपनी को उचित समय अपना पक्ष रखने नहीं दिया गया. कंपनी ने फॉर्म 21 व 22 दोनों निगम में भेज दिया है. इसका विरोध करते हुए मेयर सोनी कुमारी के साथ कई पार्षद खड़े हो गये. कंपनी के प्रतिनिधि के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई. सभी ने एक स्वर में कहा कि जिस वाहन की सप्लाइ की गयी है, वह गड़बड़ है. इसके बावजूद कंपनी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
छाया रहा नाली जाम का मुद्दा भी
पार्षद संतोष सिंह ने मनसरवा नाले की सफाई व उसे अतिक्रमणमुक्त करने का मामला उठाया. इसके बाद प्रस्ताव पारित किया गया कि जल्द ही अतिक्रमण मुक्त कर इसकी सफाई करायी जायेगी. पार्षद लालजी प्रसाद ने बॉटम नाले की समस्या, बृजभूषण प्रसाद व शमीम आरा ने कुजापी नाले, वीणा देवी ने राणा नगर नाले व अफसाना खानम ने नादरागंज नाले की सफाई की मांग की. इन नालों की सफाई 20 फरवरी से शुरू करने व अन्य की सफाई 15 मार्च से करने की स्वीकृति दी गयी. इसके साथ एक प्रश्न का जवाब देते हुए डूडा के कार्यपालक अभियंता रजनीकांत तिवारी ने कहा कि जल्द ही जगदेव पथ, नादरागंज व कुजापी नाला बनाने की स्वीकृति मिल जायेगी.
अभी से सताने लगी पेयजल की चिंता
डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि गरमी में हर वर्ष होनेवाले पेयजल की समस्या दूर करने के लिए योजना बनायी जाय. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि इस पर बड़े पैमाने पर काम किया जायेगा. उन्होंने कहा कि कई वार्डों में मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना के तहत वाटर सप्लाइ देने के लिए काम शुरू किया जा रहा है.
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