बोधगया: भारत व क्यूबा के बीच कई समानताएं होने के कारण दोनों देशों के बीच लंबे समय से मधुर संबंध रहे हैं. दोनों देशों में श्रम शक्तियों का भरपूर उपयोग भी होता रहा है. उक्त बातें शुक्रवार को मगध विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय शांति व एकजुटता संगठन (एप्सो) का दो दिवसीय सेमिनार में क्यूबा के राजदूत अवेलादरे क्यूटो सोसा ने कही.
सेमिनार के उद्घाटन के बाद क्यूबा के राजदूत ने कहा कि भारत व क्यूबा के बीच दोस्ताना संबंध भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने शुरू की थी. उन्होंने कहा कि भारत व क्यूबा अपने श्रम शक्तियों के बल पर दुनिया में अपनी पहचान बनायी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका खुद तो परमाणु हथियारों को संग्रह करने में लगा है और दूसरे देशों को अपने परमाणु हथियारों को नष्ट करने की बात करता है.
क्यूबा अमेरिकी नीतियों का विरोध करते रहेगा. राजदूत ने कहा कि सोवियत संघ के बिखराव में अमेरिका का हाथ रहा है व क्यूबा हमेशा से ही सोवियम संघ के साथ व अमेरिका के खिलाफ खड़ा रहा है. उन्होंने रंगभेद के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका का भी सहयोग करने की बात कही.
एप्सो के राष्ट्रीय संचालक मनीष सिंह ने कहा कि आज देश व दुनिया संकट के दौर से गुजर रहा है. इस कारण एप्सो हमेशा साम्राज्यवाद, उप-निवेशवाद व युद्ध के खिलाफ विश्व में शांति का संदेश फैलाते रहेगा. उन्होंने कहा कि सामरिक रूप से शक्तिशाली देशों की दादागिरी नहीं चलेगी. एप्सो हमेशा से वैसे देशों के विरोध में नजर आयेगा. सेमिनार को डॉ ब्रज किशोर पांडेय, एप्सो के राज्याध्यक्ष जय कुमार पालित आदि ने भी संबोधित किया. सेमिनार में पूरे बिहार से एक सौ से ज्यादा एप्सो के सदस्य पहुंचे हैं. कार्यक्रम में एप्सो के चंद्र प्रकाश सिंह, सर्वोदय शर्मा, रवींद्र कुमार सिन्हा, बलराम कुमार आदि ने सहयोग किया.